102 एंबुलेंस कर्मी गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

– राज्य स्वास्थ्य समिति से इकरारनामा उलंधन का लगाया गंभीर आरोप

सहरसा:-गुरुवार 11 सितंबर से जिले में संचालित 102 एंबुलेंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। वे राज्य स्वास्थ्य समिति से इकरारनामा का उल्लंघन करने के विरुद्ध अनिश्चितकालीन हड़ताल को मजबूर हो गए थे।    जिसके बाद वे हड़ताल पर चले गए। 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि जैन प्लस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति से एकरारनामा का उल्लंघन करने के विरुद्ध बिहार राज्य 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ द्वारा 1 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। किंतु अभी तक किसी भी प्रकार का कोई समाधान नहीं किया गया है। ऐसे में सहरसा जिला अंतर्गत कार्यरत सभी 102 एंबुलेंस कर्मियों ने यह निर्णय लिया कि अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में बिहार राज्य 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर सहरसा जिला के सभी 102 एंबुलेंस कर्मी 11 सितंबर से सदर अस्पताल सहरसा में सभी 102 एंबुलेंस वाहन को जमा कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसी बीच किसी भी प्रकार का कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसकी सारी जबाबदेही कंपनी की होगी। ऐसे में वे लोग अपने सभी उचित मांगों को ससमय लागू करवाने की उम्मीद रखा है। क्या है उनकी मांग:-उन्होंने बताया कि जैन प्लस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा पूरे बिहार के विभिन्न मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं रेफरल अस्पतालों में कुल 1850 की संख्या में 102 एंबुलेंस पर कार्यरत करीब 7 हजार 500 पीएमसी एवं ड्राइवर और हेल्पर द्वारा अनेकों कठिनाई के बावजूद सेवा प्रदान करते रहे। श्रम अधिनियम कानून के तहत वेतन नहीं दिए जाने लगातार बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के 12 घंटे की ड्यूटी करवाने, भविष्य निधि कर्मचारी राज्य बीमा हेतु वेतन से काटे जा रहे अंशदान की राशि का व्योरा कर्मियों को नहीं देने एवं इसके बावजूद एंबुलेंस कर्मियों द्वारा बिना किसी रूकावट के अनवरत काम को जारी रखा गया। ऐसे में कंपनी के द्वारा कर्मियों के बीच ऐसी स्थिति उत्पन्न की जा रही है ताकि सभी कर्मी काम बंद करने को बाधित हो जाए। उन्होंने आगे बताया कि पिछले 5 सितंबर 2024 से लगातार 12 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है। जबकि वेतन मात्र 8 घंटे का ही भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में जो वेतन दिया जा रहा है। वह श्रम अधिनियम कानून के रूप में सही नहीं है। कर्मियों को अभी तक कोई नियुक्ति पत्र एवं वेतन विवरण के रूप में वेतन पर्ची भी नहीं दिया जा रहा है। साप्ताहिक अवकाश से भी वंचित रखा जा रहा है। 7 फरवरी 2014 से लगातार उनकी सेवा मां अक्टूबर नवंबर 2017 तक राज्य स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत रही है।          सेवा प्रदाता द्वारा समस्त कर्मियों का जीपीए की सुविधा भी अभी तक प्रदान नहीं की गई है। जीपीए सुविधा के रूप में 35 लाख रुपया दी जाए तथा 10 लाख रुपए की मेडिकल कैम की सुविधा कर्मियों को सेवा प्रदाता द्वारा अभिलंब किया जाए। ऐसे में उम्मीद है की 7 हजार 500 हजार से अधिक एंबुलेंस कर्मियों को न्याय दिलाने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति कदम उठाएंगे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com