एटक, सीटू और इंटक के बैनर तले मजदूरों के द्वारा मजदूर दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया

मजदूरों की हक अधिकार पर बड़े तेजी से पूंजीपति वर्ग और सरकार के द्वारा हमला हो रहा है:-ओमप्रकाश नारायण

मोदी सरकार ने एक-एक कर मजदूरों और श्रमिकों के लिए बने सभी कानूनों और नीतियों को किया कमजोर:-तारानंद सादा

सहरसा:-मजदूर दिवस के अवसर पर एटक, सीटू और इंटक के बैनर तले मजदूरों के द्वारा मजदूर दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। मजदूरों ने सुपर बाजार कला भवन के पास से जुलूस निकालकर थाना चौक, वीर कुंवर सिंह चौक, अंबेडकर चौक होते हुए जयप्रकाश पार्क पहुचा।             जहां जुलूस आमसभा में तब्दील हो गया। जुलूस में शामिल मजदूर चार लेबर कोड रद्द करो, शिकागो के शहीद मजदूर अमर रहे, काम के घंटे को 8 घंटे लागू करने, मजदूरों के अधिकार पर हमला करना बंद करो, मजदूरों के हक और अधिकार और सुरक्षा गारंटी करनी होगी, ई-रिक्शा चालकों का शोषण बंद करो आदि नारे लगा रहे थे। रैली का नेतृत्व एटक के प्रभुलाल दास, एटक नेता मो. नसीर, सीटू नेता मो. नसीम और इंटक नेता सत्यनारायण चौपाल ने किया।        आमसभा को संबोधित करते हुए एआईसीसी के सदस्य कांग्रेस नेता तारानंद सादा ने कहा कि कांग्रेस कई कानून लाई। न्यूनतम मजदूरी का कानून, फैक्ट्री एक्ट, ईएसआई एक्ट, मनरेगा, ईपीएफ एक्ट जैसे कई कानून कांग्रेस सरकार के समय में आएं लेकिन मोदी सरकार ने एक-एक कर मजदूरों और श्रमिकों के लिए बने सभी कानूनों और नीतियों को कमजोर किया। आज देश में मजदूरों की हालत बहुत खराब है। उनपर मंहगाई व बेरोजगारी का बोझ है। भाजपा सरकार को कमजोर वर्गों के हित में कोई दिलचस्पी नहीं है। मनरेगा का बजट दिनों-दिन कम किया जा रहा है।    आमसभा को संबोधित करते हुए भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय नेता ओमप्रकाश नारायण ने कहा कि देश गंभीर आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक संकटों के दौर से गुजर रहा है। मजदूर दिवस इस बात का परिचायक है पूरे दुनिया में मजदूरों के हक और अधिकार की रक्षा के लिए चलने वाले संघर्ष में मजदूर शहीद हुए और मजदूर के हक और अधिकार की रक्षा हो सकी उसी की याद में 1 मई मजदूर दिवस का आयोजन होता है। आज के दौर में मजदूरों की हक अधिकार पर बड़े तेजी से पूंजीपति वर्ग और सरकार के द्वारा हमला हो रहा है। 44 कानून जो मजदूर हितेषी था 4 लेबर कोड बदल दिया गया जो मजदूर विरोधी कानून है।          वर्तमान समय में अभिव्यक्ति के आजादी पर सरकार के द्वारा लगातार हमले जारी हैं सरकार से सही सवाल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं सांस्कृतिक कर्मी, प्रोफेसर के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दायर कर उनके आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। वर्तमान समय में मजदूरों को संगठित होकर अपने हक अधिकार के लिए संघर्ष के लिए आगे आना होगा। सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के प्रांतीय नेता रणधीर कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार और पूंजीपति मिलकर मजदूरों के अधिकारों का हनन और मजदूरों का शोषण कर रहे हैं। 1 मई 2025 को मजदूर दिवस के अवसर पर संकल्प लेने का दिन है हक और अधिकार पर हो रहे हमले के खिलाफ एकताबढ़ होकर संघर्ष करने का, आत्मचिंतन करने का, संघर्ष के मैदान में आगे बढ़ने का, बलिदानों के बल पर मिले हक और अधिकार की सुरक्षा की रक्षा के लिए संघर्ष करने हेतु संकल्प लेकर आगे बढ़ने का दिन है। सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के नेता परमानंद ठाकुर ने कहा कि मजदूर, किसानों, छात्र, युवाओं के हक अधिकारों पर जिस तरह से हमले हो रहे हैं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचा जा रहा है।         संविधान की मूल भावना की रक्षा के लिए मजदूर, किसानों, छात्र, नौजवानों की हक और अधिकार की रक्षा के लिए एकताबद्ध होकर संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है। सभा की अध्यक्षता सीटू के मो. नसीम, एटक के प्रभुलाल दास, इंटक के सतनारायण चौपाल ने संयुक्त रूप से किया।    आमसभा को शंकर कुमार, वीरेंद्र दास, अभिरन शर्मा, भवेश यादव, निरंजन राय, गांगो शर्मा, सीटू के दुखी शर्मा, रमेश यादव, मनोज शर्मा, गुलानंद यादव, मो. मुर्शीद, राधेश्याम पासवान सहित कई ने संबोधित किया।

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