गांव की बेटियों के नए सपने: स्कूटी, लैपटॉप और रोजगार की मांग

सहरसा की महिलाओं ने साझा किए अपने अनुभव और समाधान

सहरसा:-महिला सशक्तिकरण को नया आयाम देते हुए सहरसा जिले में आयोजित महिला दिवस कार्यक्रमों ने ग्रामीण महिलाओं की आवाज़ को नए मंच पर पहुँचाया। जिले के सभी प्रखंडों में आयोजित इस कार्यक्रम के 16 वें दिन बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।          सरकारी योजनाओं की जानकारी के प्रसार हेतु चलंत स्क्रीनयुक्त वाहन कार्यक्रम स्थलों पर आकर्षण का केंद्र बने। मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए संदेश पत्र ने महिलाओं में आत्मविश्वास का संचार किया। इस दौरान महिलाओं ने रोजगार, स्वरोजगार, शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को खुलकर सामने रखा। महिलाओं ने रोजगार की सीमित उपलब्धता और पलायन की विवशता पर चिंता व्यक्त की। नवहट्टा प्रखंड की छात्रा नीतू कुमारी ने कन्या उत्थान योजना के लिए सरकार का आभार प्रकट करते हुए अपने विद्यालय में बेंच-डेस्क, शौचालय और चापाकल जैसी सुविधाओं की कमी की ओर ध्यान दिलाया।                        उन्होंने बालिकाओं के लिए स्कूटी और लैपटॉप की भी माँग की, ताकि शिक्षा की राह और सरल हो सके। स्थानीय उद्योगों की माँग:-सत्तरकटैया प्रखंड की जमुना देवी ने कहा कि परिवार के सदस्यों को रोज़गार के लिए बाहर भेजना उनकी मजबूरी बन गया है। ग्राम संगठनों ने क्षेत्र की बंद पड़ी पेपर मिल को पुनः चालू करने और नए उद्योग स्थापित करने की माँग की, ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके। तकनीकी प्रशिक्षण और आसान ऋण की माँग:-खेती और पशुपालन में लगी महिलाओं ने तकनीकी प्रशिक्षण और आसान ऋण की उपलब्धता पर जोर दिया।           उन्होंने ब्याज दरों में कटौती और कृषि व्यवसाय को सशक्त बनाने की माँग की। महिलाओं में बढ़ता आत्मविश्वास:- कहरा प्रखंड की अमरपुर पंचायत में आयोजित संवाद कार्यक्रम में सुमन देवी ने कहा कि वे अब खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रही हैं।महिला संवाद बना बदलाव की लहर:-महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं को अपने विचार साझा करने और समस्याओं को प्रशासन तक पहुँचाने का सशक्त मंच प्रदान कर रहा है।            यह पहल न केवल महिलाओं को जागरूक बना रही है, बल्कि उन्हें समाज के नेतृत्व में भी शामिल कर रही है। ग्रामीण महिलाओं के इन कार्यक्रमों ने यह संदेश दिया है कि आज की नारी केवल घरेलू भूमिकाओं तक सीमित नहीं रहना चाहती। वह आर्थिक विकास और सामाजिक नेतृत्व में समान भागीदारी के लिए तत्पर है।

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