सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

धरती कहे पुकार के नामक नाटक से रंगकर्मियों ने दिया संदेश

सहरसा:-जिला मुख्यालय के कला भवन में 45 वां मधेपुरा जिला स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर कला संस्कृति युवा विभाग बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।          स्थापित कलाकारों सहित ख्याति प्राप्त कलाकारों ने गीत संगीत नृत्य और नाटक की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी कड़ी में युवा रंगकर्मी बिकास कुमार निर्देशित धरती कहे पुकार के नामक नाटक से सृजन दर्पण के रंगकर्मियों ने संदेश मूलक मंचन किया। पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाने वाला नाटक ‘धरती कहे पुकार के’ संदेश मूलक प्रस्तुति दी। नाटक के जरिए रंगकर्मियों ने धरती मां की तकलीफ के बारे में बताया। नाट्य प्रस्तुति करके धरती मां की वेदना आमजनों तक पहुंचाने की सफल प्रयास किया। केमिकल वाली खेती से धरती मां को जो नुकसान हो रहा है। उसे आसान तरीके से कलाकारों ने समझाया है। रंगकर्मियों ने कहा कि धरती की ये पुकार हम सबको समझनी होगी। हमें हमारी मां को मारने का हक नहीं है। ये धरती हमारी मां है। नाटक के मंचन में बंजर हो रही धरती की दिखी मार्मिक कहानी। धरती माता बनी रंगकर्मी संध्या कुमारी ने खेती में रासायनिक खाद के ज्यादा इस्तेमाल से बंजर हो रही धरती और पर्यावरण को हो रहे नुकसान की व्यथा को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत कि। नाटक के अंतिम भाग में प्राकृतिक खेती, पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का संदेश सोहानी रानी और नैंसी कुमारी ने नृत्य के माध्यम से दी। धरती को हरा-भरा बनाने और माटी के रक्षा का नृत्य-नाटिका प्रस्तुत किया।        कार्यक्रम में मौजूद विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव, विधायक चंद्रहास चौपाल, एडीएम अरूण कुमार सिंह, डीडीसी अवधेश कुमार आनंद, डीआरडीए निदेशक प्रसोतम द्वितीय, आईसीडीएस पदाधिकारी रेशमी कुमारी, कला संस्कृति पदाधिकारी अम्रपाली कुमारी साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, प्रो. अरुण कुमार, संगीतज्ञ डॉ सुरेश कुमार शशि आदि ने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नाटक की खूब सराहना किये। भारत माता का अभिनय करने वाली संध्या यादव और सहयोगी कलाकार सोहानी रानी और नैंसी कुमारी सहित नाटक निदेशक रंगकर्मी विकास कुमार को स्मृति चिन्ह से अतिथियों ने सम्मानित किया।मंच संचालन भारत एसकोट गाईड आयुक्त जयकृष्ण यादव ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कलाप्रेमी एवं दर्शकगण मौजूद थे।

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