निर्दोष को गिरफ्तार कर घूस लेकर छोड़ने के आरोपी थानाध्यक्ष हुए निलंबित

– उसी थाना में थानाध्यक्ष के विरुद्ध दर्ज हुआ मामला, जिस थाना में थे पदस्थापित 

– आरोपी थानाध्यक्ष हुआ फरार

– बैजनाथपुर थानाध्यक्ष अमर ज्योति पर हुआ दर्ज मामला

सहरसा:-जिले के बैजनाथपुर थाना में अचानक दो-दो डीएसपी दोनों मुख्यालय, सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ और अंचल निरीक्षक पहुंचे। सभी बैजनाथपुर थाना में नियुक्त पुलिस पदाधिकारी और पुलिस कर्मी से अलग अलग पूछताछ करने लगे।  हुए सभी अधिकारी बैद्यनाथपुर थाना अध्यक्ष अमर ज्योति के क्रियाकलाप की जांच पड़ताल कर रहे थे बैजनाथपुर थाना अध्यक्ष के विरुद्ध मधेपुरा जिले के परमानंदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पथराहा गांव निवासी राम बहादुर रमन के पुत्र अविनाश कुमार ने गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वे निर्दोष थे।          लेकिन बैजनाथपुर थाना अध्यक्ष अमर ज्योति, बैजनाथपुर थाना में पदस्थापित परिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक रूपेश कुमार और बिचौलिया मुकेश कुमार सहित एक अन्य बिचौलिया ने उन्हें पुलिसिया धौंस और डर दिखाकर 79 हजार रुपए की अवैध उगाही की है। जिसमें उन लोगों ने उनसे 29 हजार रुपए नकद लिया था। शेष 50 हजार रुपए पेफोन पर लिया था। जिसकी शिकायत उन्होंने एसपी हिमांशु को दी गई थी। एसपी हिमांशु ने जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाते हुए अपने ही थाना अध्यक्ष के विरुद्ध एसआईटी जांच टीम का गठन किया था। जिसमें मुख्यालय डीएसपी-1, मुख्यालय डीएसपी-2, सिमरी बख्तियारपुर डीएसपी और अंचल निरीक्षक को शामिल करते हुए जांच का जिम्मा सौंपा था। जांच टीम बैजनाथपुर थाना पहुंची थी। जिससे थाना में हड़कंप मच गया। आम लोग भी अचंभित होकर पुलिसिया कार्रवाई देख रहे थे। पूरे बैजनाथपुर इलाके में कई तरह की चर्चाएं होने लगी। थाना अध्यक्ष पर ही पहुंची जांच टीम को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही थी। जांच टीम आरोपी बैजनाथपुर थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई में जुटा था। फिर जांच में सच्चाई मिलने पर थानाध्यक्ष के विरुद्ध बैजनाथपुर थाना में ही प्राथमिकी दर्ज कर जांच प्रक्रिया शुरू किया गया है। जिसकी भनक लगते ही आरोपी दरोगा फरार हो गए थे। फिलहाल उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया। थानाध्यक्ष अमरज्योति पर पैसे के लिए निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार कर थर्ड डिग्री टॉर्चर करने और डरा-धमका कर 79 हजार रुपए वसूली का आरोप है। थानाध्यक्ष पर लगे आरोप पुलिस के वरीय पदाधिकारी की जांच में सत्य पाया गया था। पीड़ित ने बताया कि जिले के बैजनाथपुर थानाध्यक्ष अमरज्योति पैसे के लिए निर्दोष होने पर भी झूठे आरोप में गिरफ्तार कर और उन्हें डराया। फिर धमका कर उससे पैसे की वसूली किया था। पीड़ित के पिता ने बताया कि थानाध्यक्ष ने उनके बेटे को गिरफ्तार कर उससे पहले 1 लाख 50 हजार रुपये की मांग की थी। नहीं तो नशीली दवाओं के कारोबार के आरोप में उसे लंबे समय तक के लिए जेल भेजने की धमकी दी थी। फिर थानाध्यक्ष से संपर्क किया। उनसे आरजू-मिन्नत कर 79 हजार रूपये में मामला तय किया। जिसमें से 29 हजार रूपये नकद और 25-25 हजार रुपये के यूपीआई से दो अलग-अलग मोबाइल नंबर पर ट्रांसफर करने के बाद युवक छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री टॉर्चर करने के कारण अविनाश दो दिनों तक बेसुध रहा।                दो दिनों के बाद पीड़ित ने अपने परिजनों को अपनी आपबीती बताई थी। फिर पीड़ित के पिता ने डीजी से लेकर डीएसपी तक न्याय का गुहार लगाया था। अंततः कार्रवाई शुरू हुआ।सिमरी बख्तियारपुर डीएसपी मुकेश कुमार ठाकुर ने बताया कि थानाध्यक्ष एवं अन्य पुलिस पदाधिकारियों सहित एक बिचौलिए के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है। अनुसंधान कर कार्रवाई की जाएगी। बड़ा सवाल है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो फिर आम लोगों का क्या होगा.?

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