कृषि अनुसंधान परिसर, पटना में 23 वीं आईएमसी बैठक संपन्न

कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय ने अत्याधुनिक शोध में सहकार्यता की अहमियत पर दिया जोर

पटना:-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना की 23 वीं संस्थान प्रबंधन समिति (आईएमसी) की बैठक शुक्रवार को संस्थान परिसर में सफलतापूर्वक आयोजित की गई।           इस बैठक में अनेक गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. पी.एस. पांडे, माननीय कुलपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर; डॉ. एस.एस. राठौर, विभागाध्यक्ष (सस्य विज्ञान), आईएआरआई; डॉ. मोनाब्रुल्लाह, प्रधान वैज्ञानिक, अटारी, पटना; संस्थान के विभागाध्यक्षगण डॉ. अशुतोष उपाध्याय, डॉ. कमल शर्मा, डॉ. ए.के. चौधरी, डॉ. उज्ज्वल कुमार, राजेश सहाय, निदेशक (वित्त), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मुख्यालय, नई दिल्ली; श्री पुष्पनायक, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, विपुल राज, प्रशासनिक अधिकारी, रजत कुमार दास, वित्त एवं लेखा अधिकारी उपस्थित रहे।          इसके अतिरिक्त, कई गणमान्य अतिथियों ने ऑनलाइन माध्यम से भी बैठक में भाग लिया, जिनमें डॉ. ए. वेलमगुरु, सहायक महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), डॉ. एस. घटक, विभागाध्यक्ष (पशु विज्ञान), भा.कृ.अनु.प.-पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र अनुसंधान परिसर, बारापानी तथा डॉ. के. पी. महापात्र, प्रधान वैज्ञानिक, एनबीपीजीआर, नई दिल्ली आदि प्रमुख हैं। इस अवसर पर डॉ. पांडेय ने संस्थान के विभिन्न अनुसंधान प्रक्षेत्रों का भ्रमण कर वैज्ञानिकों से संवाद किया और संस्थान द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यों की सराहना भी की। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना एवं डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के बीच संस्थागत सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि पूर्वी भारत के किसानों और अन्य हितधारकों को लाभान्वित करने वाली उन्नत प्रौद्योगिकियों का संयुक्त विकास संभव हो सके।    संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने संस्थान की अनुसंधान उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि माननीय कुलपति महोदय की हमारे संस्थान में उपस्थिति गर्व की बात है तथा उनकी सहभागिता से हमारी चर्चा समृद्ध हुई और दो प्रमुख संस्थानों के बीच सहयोग की नई दिशा का सूत्रपात भी हुआ है, जो बिहार सहित पूर्वी भारत में कृषि परिवर्तन की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। हम आगामी वर्षों में शैक्षणिक एवं अनुसंधान गतिविधियों में बेहतर साझेदारी की आशा करते हैं। इस अवसर पर खरपतवार प्रबंधन पर आधारित एक प्रसार पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।          बैठक की शुरुआत श्री विपुल राज, सदस्य सचिव, आईएमसी द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों और प्रतिभागियों के औपचारिक स्वागत के साथ हुई। बैठक में सभी कार्यसूची बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई तथा सदस्यों द्वारा महत्वपूर्ण एवं लाभकारी सुझाव भी प्रस्तुत किए गए। बैठक का समापन संस्थान के अनुसंधान अधिदेशों की प्राप्ति हेतु क्षमता निर्माण, भावी परियोजनाओं एवं संसाधन प्रबंधन से संबंधित रणनीतिक विचार-विमर्श के साथ हुआ। अंत में पुष्पनायक, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

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