दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए 10 हाथीपांव से पीड़ित मरीजों का हुआ ऑनलाइन पंजीकरण

सासाराम:- हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र का लाभ दिलाने के लिए रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति ने कवायद शुरू कर दिया है। इसी के तहत सोमवार को सदर अस्पताल के फाइलेरिया विभाग में हाथी पांव से पीड़ित 10 मरीज का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया। हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को भी सरकार ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया है। इसी के तहत दिव्यांगता की श्रेणी में आए सभी हाथीपांव में मरीजों का डाटा ऑनलाइन करने के लिए रोहतास सिविल सर्जन डॉ मणिराज रंजन ने पत्र निर्गत कर सभी पीएचसी प्रभारी को दिशा निर्देश जारी किए गए थे। इसी के तहत यह ऑनलाइन प्रक्रिया की गयी। एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम के माध्यम से सभी हाथीपांव से पीड़ित मरीजों की दिव्यांगता प्रतिशत की जांच की गई। जांच के अनुसार उनका ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया पूरा किया गया। अब तक दस मरीजों को दिया जा चुका है प्रमाण पत्र:-वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोशन कुमार सिंह ने बताया कि रोहतास जिले में अब तक 10 हाथी पांव से पीड़ित मरीजों को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है।          सरकार के दिशा निर्देश पर हाथी पांव से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। रौशन कुमार ने बताया कि जिला फाइलेरिया उन्मूलन विभाग सहयोगी संस्था पिरामल के साथ समन्वय स्थापित कर लगातार हाथीपांव से पीड़ित मरीजों की लाइन लिस्ट की जा रही है। उसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा ऐसे मरीजों की पहचान की जा रही है जो हाथी पांव से पूरी तरह से दिव्यांग हो चुके हैं। मेडिकल जांच के बाद ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जा रही है। वही पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर (संचारी रोग) हेमंत कुमार ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन करने पहुंचे सभी हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को फाइलेरिया बीमारी से संबंधित कई जानकारी दिया गया। साथ ही मरीजों को लगातार एमएमडीपी कीट इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। इफेक्टेड भाग की सफाई एवं रखरखाव के बारे में जानकारी दी गई।
सरकार द्वारा दी जाती है सहायता राशि:-जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर असित रंजन ने बताया कि सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार सभी हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र पाने वाले मरीज को सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती है, उन सभी योजनाओं का लाभ हाथी पांव से पीड़ित मरीजों को भी मिलेगा। इसके लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र का होना जरूरी है। इसी को लेकर आज 10 हाथीपांव से पीड़ित मरीजों की जांच कर ऑनलाइन की प्रक्रिया पूरी की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में लगभग 1792 हाथीपांव से पीड़ित मरीज है उनकी भी ऑनलाइन की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।

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