फर्जी फाइनेंस कंपनी बना ग्रुप लोन के नाम पर महिलाओं से की जा रही थी ठगी

– 4 शातिर साइबर ठग गिरफ्तार, चांदनी चौक स्थित होटल से हुई गिरफ्तारी
– साइबर थाना की कार्रवाई

सहरसा:-शुक्रवार को साइबर डीएसपी ने गुप्त सूचना पर सदर थाना क्षेत्र के चांदनी चौक स्थित होटल से 4 साइबर ठग को गिरफ्तार किया। वही होटल के कमरे की तलाशी लिए जाने पर लैपटॉप, मोबाइल सहित फर्जी कंपनी के लोन दस्तावेज भी बरामद हुए थे।    साइबर डीएसपी अजीत कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि सदर थाना क्षेत्र के चांदनी चौक, रेलवे स्टेशन के निकट स्थित होटल राज मित्रा में कुछ साइबर थन ठहरे हुए हैं। सूचना के बाद उनके नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक दीपक चंद्र दास, टीओपी- 2, बटराहा प्रभारी सनोज वर्मा और साइबर पुलिस बल के साथ छापामारी की गई। छापामारी में उक्त होटल के कमरा नंबर – 102 से चार युवक गिरफ्तार किए गए। होटल के कमरे की तलाशी लिए जाने पर 2 लैपटॉप, 5 मोबाइल, 4 डेबिट कार्ड, 3 सिम कार्ड और उक्त फर्जी फाइनेंस कंपनी जानाश्री माइक्रोफिन लिमिटेड का 2 लोन दस्तावेज भी बरामद हुए था। गिरफ्त में लिए गए साइबर ठग से कराई से पूछताछ करने पर ठग मिथिलेश कुमार ने बताया कि उन्होंने और उनके ग्रुप के लोगों ने जानाश्री माइक्रोफिन लिमिटेड नामक फर्जी कंपनी बनाया था। जिसका हेड ऑफिस मुंगेर जिले के जमालपुर में रखा गया था। जिसमें ग्रुप लोन देने के नाम पर महिलाओं को पहले बहला फुसला कर और फिर धोखाधड़ी करते हुए अवैध रूप से ऑनलाइन या नकद रुपए के माध्यम से वसूली की जा रही थी। गिरफ्तार किए गए साइबर ठग में से दो जिले के बिहरा थाना क्षेत्र के खोनहा गांव, वार्ड नंबर- 11 निवासी सूरज शाह के पुत्र मिथलेश कुमार और सुरेंद्र यादव के पुत्र कौशल कुमार थे। वहीं दो साइबर ठग मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के भेलाही गांव, वार्ड नंबर- 5 निवासी रविंद्र यादव का पुत्र प्रवीण कुमार और मुरलीगंज थाना क्षेत्र के ही विष्णुपुर गांव, वार्ड नंबर- 12 निवासी रमन यादव के पुत्र अमन कुमार की गिरफ्तारी हुई थी। उनकी गिरफ्तारी को लेकर साइबर थाना कांड संख्या- 29/25 दर्ज की गई थी।    गिरफ्तार अपराधी का पुराना आपराधिक इतिहास की जांच किए जाने पर पता चला कि गिरफ्तार अपराधकर्मी और ठग मिथिलेश कुमार के ऊपर वर्ष- 2024 में पटना जिले के जक्कनपुर थाना कांड संख्या 568/24 दर्ज है। गिरफ्तार चारों साइबर ठग को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था। वहीं उक्त धंधे में शामिल उनके अन्य सहयोगियों के गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही थी।

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