महिलाओं की आवाज़ बना ‘महिला संवाद’, सहरसा में जागरूकता की नई पहल

सहरसा:-बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम ने जिले में महिला सशक्तिकरण का एक नया अध्याय रच दिया है।          यह पहल न केवल महिलाओं को उनके अधिकारों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक कर रही है, बल्कि उन्हें अपने गांव और पंचायत स्तर की समस्याओं पर खुलकर विचार व्यक्त करने का सशक्त मंच भी प्रदान कर रही है। मंगलवार के दिन भी हजारों महिलाओं और पुरुषों ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस भागीदारी ने इस कार्यक्रम की सफलता और इसकी सामाजिक प्रासंगिकता को स्पष्ट कर दिया। ‘महिला संवाद’ ने महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, जल-जमाव, वृद्धावस्था पेंशन, सोलर लाइट, सिंचाई, रोजगार और कुटीर उद्योग जैसे मुद्दों पर अपनी मांगों को सामने रखने का मौका दिया है।          कार्यक्रम में महिलाएं अपने संघर्ष और सफलताओं की कहानियां साझा कर अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं ‘जीविका’ से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा चुकी हैं। इस कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में न केवल जागरूकता लाई है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने का अवसर भी दिया है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में महिला संवाद रथ संचालित किए जा रहे हैं, जो गांव-गांव जाकर महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी रोचक और सरल तरीकों से दे रहे हैं। ऑडियो-विजुअल माध्यम और लघु फिल्मों के माध्यम से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। महिलाओं को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, छात्रवृत्ति योजना, बालिका पोशाक योजना, महिला आरक्षण नीति और बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से अवगत कराने के लिए लीफलेट्स वितरित किए गए। इन लीफलेट्स में योजनाओं की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और लाभों की जानकारी सरल भाषा में दी गई, ताकि महिलाएं स्वयं पहल कर योजनाओं से जुड़ सकें।        कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भेजे गए प्रेरणादायी पत्र को भी पढ़ा गया और महिलाओं के बीच वितरित किया गया। यह पत्र महिलाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता विकसित करने में सहायक साबित हो रहा है। महिलाएं अब केवल योजनाओं की जानकारी लेने तक सीमित नहीं हैं। वे सक्रिय रूप से सामाजिक विकास की प्रक्रिया में भाग ले रही हैं। समस्याओं की पहचान करने के साथ-साथ समाधान सुझाने में भी उनकी भागीदारी बढ़ रही है। ‘महिला संवाद’ अब एक सरकारी कार्यक्रम से आगे बढ़कर सामूहिक चेतना और सामाजिक बदलाव की आवाज बन चुका है। महिलाओं से प्राप्त सुझावों और प्रतिक्रियाओं के आधार पर भविष्य में योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने का कार्य किया जाएगा।           यह कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर और नेतृत्वशील बनने की दिशा में प्रेरित कर रहा है।

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