पोक्सो एक्ट में विशेष न्यायाधीश ने सुनाया 5 वर्ष की कारावास और 50 हजार जुर्माना

– जुर्माना राशि नहीं दिए जाने पर 1 साल की होगी अतिरिक्त कैद
– वर्ष 2021 में दर्ज हुआ था मामला, एक आरोपी हुआ था गिरफ्तार

सहरसा:-बीते वर्ष 2021 में महिला थाना में पोक्सो एक्ट को लेकर दर्ज मामले में बुधवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश द्वारा अभियुक्त को 5 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए की जुर्माना देने की सजा मुकर्रर की है। वही पोक्सो एक्ट के साथ-साथ अन्य धाराओं में भी आरोपी को एक महीने से लेकर 4 वर्ष तक की सजा सुनाई गई है। साथ ही 500 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए की अतिरिक्त राशि भी जमा करने का निर्देश दिया गया है। क्या था मामला:-बीते वर्ष 2021 के 12 जनवरी को सौर बाजार थाना क्षेत्र के गोलमा गांव स्थित वासा टोला निवासी दीपू शाह के पुत्र अरविंद शाह के ऊपर महिला थाना कांड संख्या – 5/21 दर्ज की गई थी। जिसमें वादी सविता कुमारी थी। उक्त कांड के अनुसंधानकर्ता सहायक अवर निरीक्षक हरेश कुमार सिंह थे। जिन्होंने आरोपी अरविंद शाह की गिरफ्तारी की थी। उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया था। साथ ही सभी गवाहों ने भी पुलिस द्वारा दिए गए आरोपी के खिलाफ साक्ष्य को सत्य बताया था। वही अभियोजन पक्ष के विशेष लोक अभियोजक कृष्ण मुरारी प्रसाद द्वारा आरोपी के विरुद्ध बहस की गई थी। उनके द्वारा दिए गए तर्क और साक्ष्य के बाद विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश ने अभियुक्त अरविंद शाह को सजा सुनाया था। क्या दी गई सजा:-विशेष न्यायाधीश द्वारा सुनाए गए सजा के अंतर्गत धारा-354 (बी) के तहत 5 वर्ष का कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना निर्धारित किया गया था। साथ ही जुर्माना की राशि नहीं दिए जाने की हालात में 1 वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा दी गई थी धारा-341 में आरोपी को एक महीने सश्रम कारावास और 500 रुपए का जुर्माना दिया गया था। जुर्माना की राशि जमा नहीं किए जाने की स्थिति में 7 दिन की अतिरिक्त कैद की सजा दी गई थी। धारा-323 के तहत 6 महीने सश्रम कारावास और 1 हजार रुपए का जुर्माना राशि जमा करने की सजा सुनाई गई थी। राशि जमा नहीं किए जाने की स्थिति में 1 महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा दी गई थी। जबकि धारा-08 पॉस्को एक्ट के तहत अरविंद शाह को 4 वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए की जुर्माना की सजा सुनाई गई थी। जुर्माना की राशि जमा नहीं किए जाने की स्थिति में 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई थी। सभी सजाएं एक साथ चलेगी।

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