महिला संवाद: स्वास्थ्य जागरूकता की नई पहल

आयुष्मान कार्ड बना गरीब परिवारों के लिए वरदान, जीविका दीदियों का सराहनीय योगदान

सहरसा:-बिहार सरकार द्वारा संचालित “महिला संवाद” कार्यक्रम ने सहरसा जिले में महिलाओं के स्वास्थ्य जागरूकता को एक नई दिशा दी है।           यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं को उनके अधिकारों और सरकारी योजनाओं से अवगत करा रहा है, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर खुलकर चर्चा करने का मंच भी प्रदान कर रहा है। शुक्रवार को इस संवाद का केंद्र बिंदु महिला स्वास्थ्य रहा। महिलाओं को पोषण, स्वच्छता, मासिक धर्म स्वच्छता और आयुष्मान भारत योजना के बारे में जानकारी दी ग। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अब तक इन मुद्दों पर बात करना दुर्लभ था, महिला संवाद ने इन विषयों पर चर्चा शुरू कर एक नई चेतना जगाई है। आयुष्मान भारत योजना का लाभ: डीपीएम अमित कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को हर साल ₹5 लाख तक का कैशलेस इलाज मिलता है। इसमें भर्ती से पहले और बाद की सभी चिकित्सा सेवाएं, जांच, दवाएं और ICU जैसी सुविधाएं शामिल हैं।         उन्होंने बताया कि सहरसा जिले में जीविका दीदियों की मदद से बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जिससे अनेक गरीब परिवारों को लाभ हुआ है । उन्होंने सभी पात्र लोगों से जल्द से जल्द अपना कार्ड बनवाने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। बनमा इटहरी की रूपा देवी ने भावुक होकर कहा, “मेरे पास इलाज कराने के पैसे नहीं थे। आयुष्मान कार्ड की वजह से मेरा मुफ्त में इलाज हुआ। अगर यह कार्ड न होता, तो शायद मैं आज जीवित न होती।”महिला स्वास्थ्य और जागरूकता: संचार प्रबंधक सुधा दास ने कहा, “आयुष्मान कार्ड गरीबों के लिए संजीवनी है । बीमारी कभी बताकर नहीं आती, इसलिए हर पात्र व्यक्ति को यह कार्ड बनवाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि महिलाएं अक्सर अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को नज़रअंदाज कर देती हैं, जिससे समस्याएं गंभीर हो जाती हैं। समय पर जांच और इलाज बेहद जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कुपोषण, एनीमिया और मातृ-शिशु मृत्यु दर जैसी समस्याएं चुनौती बनी हुई हैं। मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर जागरूकता की कमी भी चिंता का विषय है। ऐसे में महिला संवाद जैसे कार्यक्रम इन मुद्दों पर सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सकारात्मक बदलाव: जीविका द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के कारण महिलाएं अब स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूक हो रही हैं।          वे न केवल अपने, बल्कि अपने परिवार के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे रही हैं। गांवों में स्वास्थ्य संबंधी परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। “महिला संवाद” ने ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूक और सशक्त बनाने का एक सशक्त माध्यम बनकर खुद को स्थापित किया है।

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