राज्य के 32 जिलों में शुरू हुआ घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान

पटना:- राज्य के 32 जिलों अररिया, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, शिवहर, शेखपुरा, सारण, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, वैशाली एवं पश्चिमी चंपारण में 1 जून से घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान की शुरुआत की गयी है. . रहमपुर, सारण के पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य रवि कुमार ने बताया कि वह शुरू से कालाजार रोग के बारे में समुदाय में लोगों को बताते रहे हैं और अभी भी वह सभी लोगों को घर-घर जाकर कालाजार रोगी खोज अभियान के बारे में बता रहे हैं. वह स्वयं कालाजार के रोगी रह चुके वह स्वयं इसमें आशा कार्यकर्ताओं की मदद कर रहे हैं.500 मीटर की परिधि में की जा रही खोज:-अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. एन. के. सिन्हा ने बताया कि राज्य से कालाजार का उन्मूलन हो चुका है और उन्मूलन को आगे भी उसी स्तर पर बनाए रखने के लिए छुपे हुए रोगियों की घर-घर खोज की जा रही है।           इस अभियान के तहत वर्ष 2022 से अप्रैल 2025 के बीच प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के घर के 5 सौ मीटर की परिधि में अवस्थित घरों में रोगियों की खोज आशा कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है. यह खोज अभियान राज्य के छह जिलों (रोहतास, कैमूर, गया, औरंगाबाद, अरवल व जमुई) को छोड़कर शेष 32 जिलों में चलाया जा रहा है. एक आशा के द्वारा प्रतिदिन इनके अंतर्गत पड़ने वाले 1 हजार जनसंख्या अथवा 250 घर में रोगी की खोज करेंगी. आशा प्रतिदिन 50 घरों में ही संभावित छुपे रोगियों की खोज करेंगी.किया जा रहा प्रचार प्रसार:-कालाजार प्रभावित प्रखंडों में जागरूकता एवं अभियान के बारे में बताने के लिए बैनर लगाया गया है. हर प्रखंड में 10 बैनर लगाये गए हैं सहायता राशि का है प्रावधान कालाजार रोगियों को सरकार द्वारा 7100 रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है. कालाजार से पीड़ित व्यक्ति को 66 सौ रुपए राज्य सरकार की ओर से और 5 सौ रुपए केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है. यह राशि कालाजार के रोगियों को प्रदान की जाती है. वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में 4 हजार रुपए की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है।

 

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