ननिहाल आई 5 वर्षीय राधिका की पोखर में डूबने से हुई मौत, ननिहाल और गांव में मातम

सहरसा:-जिले के पतरघट प्रखंड क्षेत्र के पस्तपार थाना क्षेत्र स्थित ठाढ़ी गांव, वार्ड संख्या – 5 में गुरुवार को ननिहाल आई 5 वर्षीय मासूम बच्ची राधिका कुमारी की पोखर में डूबने से मौत हो गई। वे मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा थाना क्षेत्र स्थित सरसंडी गांव निवासी दीपक पासवान की पुत्री थी। वे कुछ दिन पूर्व ही नानी के घर आई हुई थी।           नानी रीता देवी और नाना रामकुमार पासवान ने बताया पांच दिन पूर्व राधिका आई थी। सुबह नाश्ता करने के बाद बच्चों के साथ घर के पास पोखर किनारे खेल रही थी। खेलते-खेलते वह छठ घाट की सीढ़ियों तक पहुंच गई। जहां उसका पैर फिसल गया। वे गहरे पानी में जा गिरी। उन्होंने आगे बताया कि तभी मौजूद दूसरे बच्चों ने शोर मचाकर लोगों को बुलाया। लेकिन जब बच्ची को पानी से बाहर निकाला गया। तब तक उसकी जान जा चुकी थी। बच्ची की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। मां नीतू देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। राधिका दो भाई-बहनों में बड़ी थी। उसका छोटा भाई कीर्तन कुमार बहन के शव के पास रोते-बिलखते दिख रहा था। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा गया। वे छठ घाट की खतरनाक बनावट और प्रशासन की उदासीनता को दोषी बता रहे थे। उक्त हादसे के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। ग्रामीण विशुनदेव पासवान, अजय कुमार पासवान, रीना देवी, शंभू पासवान, बिंदु देवी, चुनिया देवी, विजेन्द्र पासवान, संतोष पासवान समेत कई लोगों ने बताया कि घाट का निर्माण के दौरान पोखर की गहराई को नजर अंदाज कर किया गया है। अंतिम सीढ़ी से नीचे पांच से सात फीट गहरा गड्ढा है। जो बेहद खतरनाक है। उनका कहना था कि यदि छठ घाट की सीढ़ियां की संख्या बढ़ाने से पानी की गहराई घट जाएगी। सीढ़ी और नीचे तक बनाई जानी चाहिए। घाट की समुचित घेराबंदी होनी चाहिए। नहीं तो आगे उक्त घाट केवल बच्चों के लिए ही नहीं।                                             बल्कि छठ व्रत करने वाली महिलाओं के लिए भी जानलेवा होगा। पानी में उतरते ही अचानक गहराई आने से भविष्य में और भी हादसे हो सकते हैं। जबकि घटना की सूचना मिलते ही पस्तपार थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था।

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