ईद उल अजहा की नमाज अदा कर मुल्क के अमन चैन के लिए किया दुआ

जिलेभर में बकरीद पर्व शांतिपूर्ण माहौल में मनाया गया, प्रशासन दिखी सजग

सहरसा:-मुस्लिम समुदाय के लोगों का त्यौहार बकरीद यानी ईद उल अजहा पुरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शनिवार को सहरसा बस्ती स्थित ईदगाह पोखर, रिफ्यूजी कॉलिनी स्थित ईदगाह, मीर टोला जामा मस्जिद, अलीनगर मस्जिद सहित विभिन्न मस्जिदों में लोगों ने ईद उल अजहा की नमाज अदा की। और एक-दूसरे के गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद पेश की।             विशेष नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने-अपने घरों में बकरा का कुर्बानी दी। कुर्बानी का मतलब अपने स्वार्थ को छोड़कर दूसरे की मदद करनी है। बकरीद को लेकर प्रशासन के द्वारा शहर में लगातार गश्ती किया जा रहा था। नमाज के लिए ईदगाह और मस्जिदों में तमाम इंतजाम किए गए थे। सभी मस्जिदों व ईदगाह में पुलिस बल तैनात किए गए थे। नगर निगम के उप महापौर उमर हयात उर्फ गुड्डू हयात ने लोगों को बकरीद की बधाई देते हुए कहा कि सभी लोग आपसी सौहार्द के साथ बकरीद का पर्व मनाए।            उन्होंने कहा कि मानव जाति की भलाई के लिए सामूहिक कल्याण और समृद्धि की भावना को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करें। वही उत्तर बिहार मुसहर सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह कांग्रेस नेता प्रेमलाल सादा,
जदयू के वरिष्ठ नेता शेर अफगान मिर्जा ने देशवासियों को बकरीद की मुबारकबाद दिया और देशवासियों को भाईचारा शान्ति बनाए रखने की अपील किया। नमाज के बाद सभी लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दिया।           वही छोटे-छोटे बच्चों ने भी एक दूसरे से गले मिलकर बकरीद की बधाई दिया। सुन्नी वक्फ बोर्ड के जिला सचिव मो. शम्स तवरेज उर्फ हक साहब, उत्तर बिहार मुसहर सेवा संघ के जिलाध्यक्ष शिवकुमार सादा उर्फ सियाशरण सादा, राजद जिला सचिव इमाम आजम, माले नेता कुंदन यादव, मो. इजहार उर्फ शिब्बू, मो. नवाज अख्तर, भाकपा के जिला कार्यकारिणी सदस्य शंकर कुमार युवा राजद नेता मो. साहिल ने बकरीद की मुबारकबाद दी।    बकरीद को लेकर मुस्लिम समुदाय के बच्चे से लेकर वृद्ध तक काफी उत्साहित नजर आये। सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के सिटानाबाद, सिमरी बख्तियारपुर बस्ती, हुसैनचक, फैनसाहा, हरेबा, मोबारकपुर, पहलाम, लक्ष्मीनिया, घोरदौड़, सरबेला, रसलपुर, तरहा, सहुरिया, ठढिया, बादशाहनगर गांव के ईदगाहों में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित होकर नवाज अदा किये और उसके बाद एक दूसरे से गले मिलकर खुशियों का पैगाम दिया।                                  मुसलमान कुर्बानी का त्यौहार बकरा ईद यानी ईद उल अजहा हजरत इब्राहिम अले की याद में हर साल मनाते है जो त्याग का प्रतीक है। जिसमे ऊट व बकरे की कुर्बानी दी जाती है। इस कुर्बानी के एवज में कुर्बानी के जानवर के बाल के बराबर जिसके नाम से कुर्बानी दी जाती, अल्लाह उसके हर एक बाल के बदले एक नेकी ओर एक गुनाह को माफ कर देते है।

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