सरकारी योजनाओं से महिलाओं को मिल रहा हक, भेदभाव और हिंसा में आई कमी

कृषि, पशुपालन और मखाना उत्पादन से जुड़ी महिलाओं ने बाजार व प्रशिक्षण की उठाई मांग

सहरसा:-महिला संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में नई ऊर्जा और उम्मीदें भर दी हैं। जिले भर में आयोजित इन कार्यक्रमों में महिलाएं उत्साहपूर्वक भाग ले रही हैं, जहां वे न केवल जानकारी प्राप्त कर रही हैं, बल्कि अपनी आकांक्षाएं और समस्याएं खुलकर साझा कर रही हैं।          यह मंच महिलाओं को न केवल आत्मविश्वास से भर रहा है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है। जिले के पतरघट की रहने वाली जया कुमारी ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि एक समय ऐसा था जब वह तंगहाली में जीवन बिता रही थीं। लेकिन जीविका से मिली मदद ने उनकी जिंदगी बदल दी। जया ने 50,000 रुपये का ऋण लेकर अचार बनाने का व्यवसाय शुरू किया और आज वह हर वर्ष दो से ढाई लाख रुपये तक की आमदनी कर रही हैं। उनके अचार की सप्लाई कई जिलों में हो रही है और उनकी सफलता अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा दे रही है। इन संवादों में महिलाएं अपने गांवों को सुंदर और स्वच्छ देखने की कल्पना कर रही हैं, तो कुछ रोजगार और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत पर जोर दे रही हैं। सलखुआ प्रखंड की आरती देवी ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से महिलाओं की स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आया है। अब महिलाएं अपने हक के लिए जागरूक हो रही हैं। शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सुधार से न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ी है, बल्कि भेदभाव और घरेलू हिंसा में भी कमी आई है।         आरती देवी ने आगे कहा कि यदि सरकार का सहयोग इसी प्रकार जारी रहा तो महिलाएं राज्य और जिले के समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। सत्तरकटैया प्रखंड की छात्राओं ने सरकार की पोशाक, साइकिल और छात्रवृत्ति योजना से मिली मदद को साझा किया। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं से उन्हें पढ़ाई जारी रखने में सहायता मिली है और भविष्य में भी इसी तरह के सहयोग की उन्हें उम्मीद है। इसी क्रम में कृषि और पशुपालन से जुड़ी महिलाओं ने प्रशिक्षण, तकनीकी कौशल और वित्तीय सहयोग की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलें, तो वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकती हैं। वहीं, मखाना उत्पादन से जुड़ी महिलाओं ने अपने उत्पाद के लिए उपयुक्त बाजार न मिल पाने की समस्या उठाई।                             उन्होंने बताया कि कम कीमत पर बिचौलियों को मखाना बेचना पड़ता है, जिससे सारा लाभ बिचौलिये ले जाते हैं। महिलाओं ने सीधे बाजार से जोड़ने की मांग की, ताकि उन्हें उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके और वे आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। महिला संवाद कार्यक्रम न केवल महिलाओं की आवाज़ को सामने ला रहा है, बल्कि उन्हें सामूहिक रूप से सशक्त बनाकर सामाजिक बदलाव की दिशा में ठोस कदम बढ़ा रहा है।

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