महिला संवाद कार्यक्रम: मुख्यमंत्री ने किया दीदियों का सम्मान, नई घोषणाओं से जगाई उम्मीद

सहरसा:-बिहार सरकार द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम ने एक नया इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राज्य के सभी जिलों की संकुल स्तरीय संघों की महिला लीडर्स से वर्चुअल संवाद किया।           इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाखों ग्रामीण महिलाओं की आकांक्षाओं को समझना और उनके आधार पर सशक्त नीतियां बनाना था। सहरसा जिले के सभी 10 प्रखंडों से संकुल स्तरीय संघ की महिला लीडर्स ने पूरे आत्मविश्वास और गर्व के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष अपने क्षेत्र की महिलाओं की समस्याएं और सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने महिला संवाद कार्यक्रम के आयोजन के लिए सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मंच महिलाओं के लिए अभूतपूर्व अवसर लेकर आया है। मुख्यमंत्री ने महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और उनके नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल विचार साझा करने का माध्यम नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त करने का आंदोलन बन चुका है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की आकांक्षाओं को सरकारी नीतियों में शामिल करने की प्रतिबद्धता जताई और इस दौरान कुछ अहम घोषणाएं की। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं:-
1. सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 प्रति माह की जाएगी।
2. जीविका दीदियों को दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दर 12% से घटाकर 7% की जाएगी।
3. सभी जीविका कैडर के मानदेय में वृद्धि की जाएगी, जिससे उनके योगदान को मान्यता मिल सके।
4. दीदी की रसोई योजना का विस्तार सभी सरकारी विभागों तक किया जाएगा।
5. प्रत्येक पंचायत में कम्युनिटी मैरेज हॉल का निर्माण किया जाएगा।
6. सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) को विस्तारित करते हुए सभी अति गरीब परिवारों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
सहरसा जिला प्रशासन और जीविका परिवार ने मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। यह कार्यक्रम अब केवल संवाद तक सीमित नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव का प्रतीक बन चुका है। महिलाओं ने इस कार्यक्रम को अपनी आवाज़ बुलंद करने का महत्वपूर्ण मंच बताया । ग्रामीण महिलाओं ने शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और महिला सुरक्षा जैसे विषयों पर अपनी राय दी। यह मंच महिलाओं को जागरूक करने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को प्रेरित करने का सशक्त माध्यम साबित हुआ है।
यह स्पष्ट है कि बिहार सरकार महिला सशक्तिकरण को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। महिला संवाद कार्यक्रम अब नीतिगत बदलाव का आधार बन चुका है। जब दीदी बोलेगी, तो सरकार सुनेगी यही है नया बिहार की नई पहचान।

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