पंचायती राज विभाग और सेंटर फॉर सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज के बीच ऐतिहासिक गैर वित्तीय समझौता

महिला हितैषी और स्वस्थ ग्राम पंचायतों की ओर सशक्त कदम

पटना:-बिहार में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका को अधिक प्रभावी, समावेशी और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में आज बुधवार को एक ऐतिहासिक पहल हुई है. सरकार के पंचायती राज विभाग और सेंटर फॉर सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग ( सीथ्री ) के बीच एक औपचारिक गैर वित्तीय समझौता ज्ञापन ( एमओयू ) पर हस्ताक्षर किया गया. इसका उद्देश्य स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत “स्वस्थ ग्राम पंचायत” और “महिला हितैषी ग्राम पंचायत” को सशक्त रूप से लागू करना है. यह पहली बार है जब बिहार राज्य पंचायत संसाधन संस्था, पंचायती राज विभाग के इतिहास में किसी गैर सरकारी संस्था के साथ इस प्रकार का औपचारिक सहयोग किया गया है. यह विभाग की नवाचार और संस्थागत अभिसरण के प्रति प्रतिबद्धता को दिखता है।            यह गैर वित्तीय समझौता केदार प्रसाद गुप्ता, मंत्री, पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार की अध्यक्षता में मनोज कुमार, सचिव, पंचायती राज विभाग के मार्गदर्शन में प्रशांत कुमार सी एच, परियोजना निदेशक, बिहार राज्य पंचायत संसाधन संस्था, पंचायती राज विभाग और डॉ. अपराजिता गोगोई, कार्यकारी निदेशक, सेंटर फॉर सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग ( सी थ्री ) के बीच संपन्न हुआ. इस गैर वित्तीय साझेदारी के माध्यम से ग्राम पंचायत विकास योजनाओं को स्वास्थ्य और लैंगिक दृष्टिकोण से अधिक संवेदनशील और सहभागी बनाया जाएगा. इसका मकसद है कि पंचायतें केवल योजना का क्रियान्वयन ही नहीं बल्कि महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और समावेशी विकास का केंद्र बन सकें। इस ऐतिहासिक अवसर पर माननीय मंत्री, पंचायती राज विभाग, बिहार केदार प्रसाद गुप्ता, ने कहा कि “ग्राम पंचायतें बिहार की सामाजिक और लोकतांत्रिक संरचना की मूल इकाई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में देश और राज्य में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त और उत्तरदायी बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है. हमारा प्रयास है कि हर पंचायत, विकास का सक्षम और समावेशी केंद्र बने, जहाँ हर नागरिक की आवाज को सुना जाए और हर महिला को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार मिले. यह गैर वित्तीय साझेदारी पंचायत प्रतिनिधियों को न केवल जानकारी देगी, बल्कि उन्हें सक्षम बनाएगी कि वे अपने समुदायों के लिए समावेशी, उत्तरदायी और प्रभावशाली योजनाएँ बना सकें।          सेंटर फॉर सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग जैसे अनुभवी साझेदार के साथ मिलकर हम पंचायतों को सामाजिक परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं.”सेंटर फॉर सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग स्थानीय सतत विकास लक्ष्य 2 ( स्वस्थ ग्राम पंचायत ) के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सारण, किशनगंज, नालंदा, रोहतास, औरंगाबाद और दर्भंगन जिलों में और महिला हितैषी ग्राम पंचायत के अंतर्गत पटना, नालंदा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और रोहतास जिलों में बिहार राज्य पंचायत संसाधन संस्था, पंचायती राज विभाग को तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा. सी थ्री की टीम राज्य एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन और संचालन में सक्रीय भागीदारी निभाएगी.          राज्य की प्रशासनिक संरचना और सी थ्री की तकनीकी विशेषज्ञता मिलकर ऐसी मॉडल ग्राम पंचायतों का निर्माण करेंगी जो न केवल स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण और महिला सुरक्षा हितैषी होंगी बल्कि पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बनेंगी. इस अवसर पर प्रकाश रंजन, राज्य प्रमुख, सी थ्री; कनीज़ फातिमा मुनीजा, वरिष्ठ विशेषज्ञ, सी थ्री दिल्ली, बिहार राज्य पंचायती राज संसाधन संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, श्री प्रभाष चंद्र झा, परियोजना प्रबंधक  क्षमता वर्धन; सहित अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे।

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