सावन की प्रथम सोमवारी कल, मंदिरों में गुंजेंगे हर हर महादेव,15 जुलाई मंगलवार से शुरुआत होगी मिथिलांचल में नव विवाहिता का पर्व मधुश्रावणी:-पंडित तरुण झा

सहरसा:-ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान,डॉ रहमान चौक सहरसा बिहार के संस्थापक एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बताया है की कल सावन की पहली सोमवारी है, इस बार सावन मे चार सोमवारी लगे हैं,सभी मंदिरो मे महादेव के नाम का गूंज वातावरण मे नये ऊर्जा का संचार पैदा करेगा। मिथिलांचल में नव विवाहिता के लिए मधुश्रावणी की शुरुआत श्रावण मास कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से होती है, जबकि समापन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होती है, इस बार इसकी शुरुआत 15 जुलाई मंगलवार को होगी और समापन 27 जुलाई रविवार को होगी।
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ऐसे मनाया जाता है मधुश्रावणी का पर्व
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कोशी क्षेत्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा के अनुसार, मिथिला की परंपराओं मे मधुश्रावणी के दौरान महिलाएं रोजाना बगीचों से फूल और पत्ते चुनती हैं और उससे विषहारा, मतलब नाग और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, फूल चुनने के क्रम में उनके गीतों से माहौल गमक उठता है,15 दिन के इस पूजा के दौरान नवविवाहिता को दो दिन नाग देवता की कथा सुनाई जाती है, जबकि बाकी 13 दिन के दौरान सावित्री, सत्यवान, शंकर-पावर्ती, राम-सीता, राधा-कृष्ण जैसे देवताओं की कथा भी सुनाई जाती हैं। इस दौरान वो अपने ससुराल से आए खाद्य पदार्थ का सेवन करती हैं,और ससुराल से भेजे गए वस्त्र धारण करती है एवं पूजा करती है परंपरा के अनुसार नवविवाहिताएं हरी साड़ी व हरी चूड़ी धारण करती हैं,कथा वचिका से शिव-पार्वती सहित कई कथाएं अलग-अलग अध्याय से सुनती हैं, पावनी गीत गायी गयी, तो संध्या काल की पूजा में कोहबर तथा भगवती गीत गाये जाते हैं,नव विवाहिता अपने पति के दीर्घायु हेतु यह व्रत करती है।

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