क्या वजीर-ए-आला नीतीश कुमार होंगे उप राष्ट्रपति ?

सियासी गलियारों में चर्चाओं के साथ अटकलों का बाजार गर्म
डेस्क:-अंतःपुर के नारद मुनि मानते हैं कि उप राष्ट्रपति के पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की सबसे ज्यादा चर्चा जिस राज्य में हो रही है, वह सूबा बिहार है। इसके पीछे वजह यह है कि देश का अगला उप राष्ट्रपति कौन होगा, इसे लेकर सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम सबसे आगे है। हालांकि यह सिर्फ सोशल मीडिया पर चल रही अटकलें हैं लेकिन तमाम लोगों का ऐसा दावा है कि नीतीश कुमार को उप राष्ट्रपति बनने का मौका मिल सकता है। अब इस मामले में नीतीश की सरकार के मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू का बयान भी आ गया है। नीरज कुमार सिंह बबलू से मंगलवार को जब पत्रकारों ने सवाल पूछा कि ऐसी चर्चा चल रही है कि नीतीश कुमार को उप राष्ट्रपति बनना चाहिए तो उन्होंने सीधे शब्दों में जवाब दिया , ‘अच्छी बात है , बन जाएं तो क्या दिक्कत है… बन जाएं।’ इस मामले में बिहार बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर का भी बयान आया है। ठाकुर ने कहा “उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया, इसमें कोई संदेह नहीं है… अगर नीतीश कुमार (उप राष्ट्रपति के रूप में) कार्यभार संभालते हैं तो बिहार के लोग खुश होंगे।” नीरज कुमार सिंह बबलू और बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर के बयानों से सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को ताकत मिली है क्योंकि टीवी चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात को लेकर बहस चल रही है कि अगला उप राष्ट्रपति कौन होगा और इसमें अधिकतर लोग इस पद पर नीतीश कुमार की दावेदारी को मजबूत बता रहे हैं। हालांकि नीतीश की पार्टी जेडीयू की ओर से इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। फिर भी चर्चाओं और अटकलों का बाजार गर्म है।           बिहार में अगले महीने विधानसभा चुनाव का ऐलान हो सकता है और अक्टूबर-नवंबर तक राज्य में नई सरकार बन जाएगी। इस बीच जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद जब सोशल मीडिया पर वजीर-ए- आला नीतीश कुमार का नाम उप राष्ट्रपति पद की दौड़ में चलने लगा तो पटना से लेकर दिल्ली तक लोगों के कान खड़े हो गए। लोगों ने सवाल उठाया कि क्या वाकई ऐसा हो सकता है ? नीतीश कुमार पिछले 20 साल से (जीतन राम मांझी के 10 महीने के कार्यकाल को छोड़कर) लगातार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। नीतीश कुमार चाहे गठबंधन के साथ रहे या फिर एनडीए के साथ वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहे लेकिन अब ऐसी चर्चा है कि वह बतौर उप राष्ट्रपति दिल्ली जा सकते हैं। इस तरह की चर्चाओं पर तब तक विराम नहीं लगेगा जब तक एनडीए की ओर से उप राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया जाता है। एक चर्चा यह भी है कि नीतीश कुमार को अगर बीजेपी और एनडीए उप राष्ट्रपति बनाते हैं तो इससे उन्हें विधानसभा चुनाव में बिहार की पिछड़ी जातियों का अच्छा-खासा समर्थन मिलेगा। बिहार की आबादी में पिछड़ा समुदाय की आबादी 63 प्रतिशत है और यह न सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश और भारत के तमाम राज्यों में एक ताकतवर जातीय समूह है। इस तरह की अटकलें सही साबित होती हैं यानी नीतीश कुमार अगर उप राष्ट्रपति बनते हैं तो एनडीए उत्तर प्रदेश और बिहार में पिछड़ी जाति के मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ को और मजबूत कर सकता है। देखने वाली बात होगी कि इस तरह के अटकलों में कितना दम है ? समय के साथ अटकल पर विराम लगेगा या इसकी पुष्टि होगी।

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