चुनाव आयोग ने शुरू की उप राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी

कहा : जल्द घोषित होगा कार्यक्रम
डेस्क:-उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग एक्शन मोड में आ गया है। आयोग ने नए उप राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। संबंधी गतिविधियां पूरी होने के बाद जल्द ही उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।           राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया था। भारत चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई 2025 को एक अधिसूचना के जरिये भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की सूचना दी है। इसमें कहा गया कि चुनाव आयोग को अनुच्छेद 324 के तहत भारत के उप राष्ट्रपति पद के चुनाव कराने का अधिकार प्राप्त है। यह चुनाव राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 और इसके तहत बने नियमों (राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव नियम 1974) द्वारा कराया जाता है। इस आलोक में आयोग ने उप राष्ट्रपति चुनाव 2025 से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी हैं। वांछित तैयारी हो जाने के बाद उप राष्ट्रपति पद के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। निर्वाचक मंडल की तैयारी की जा रही है जिसमें राज्यसभा एवं लोकसभा के निर्वाचित तथा मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। इसके अलावे रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। पूर्व उप राष्ट्रपति के चुनावों से संबंधित रिकॉर्ड को भी देखा जा रहा है। उप राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सांसद और मनोनीत 12 सांसद तथा लोकसभा के 543 सांसद वोट देने के पात्र हैं। इस तरह कुल 788 लोग वोट डाल सकेंगे। हालांकि चुनाव आयोग जब उप राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का एलान करेगा तब वह लोकसभा और राज्यसभा में सभी मौजूदा सदस्यों की गिनती करेगा।संविधान के अनुच्छेद 66 में उप राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है। यह चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है जो कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है। उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है। इस चुनाव में खड़े होने के लिए किसी भी व्यक्ति को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित कराना होता है। उप राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनने के लिए 15 हजार रुपए की जमानत राशि जमा करनी होती है। नामांकन के बाद फिर निर्वाचन अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करते हैं और योग्य उम्मीदवारों के नाम बैलट में शामिल किए जाते हैं। उप राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं। इनमें राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसद और सभी राज्यों के विधायक मतदान करते हैं।                           राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं लेकिन उप राष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं है। उप राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सदस्य भी वोट कर सकते हैं। अंकित करने वाली बात है कि जगदीप धनखड़ ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनता दल से की थी। वे 1989 में झुंझुनू से सांसद बने। पहली बार सांसद चुने जाने पर ही उन्हें बड़ा इनाम मिला। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि जब 1991 में हुए लोकसभा चुनावों में जनता दल ने जगदीप धनखड़ का टिकट काट दिया तो वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और अजमेर के किशनगढ़ से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1993 में चुनाव लड़ा और विधायक बने। 2003 में उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ और वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का 28 वां राज्यपाल नियुक्त किया था। इसके बाद से वे उप राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने तक उस पद पर बने रहे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com