सेंट माइकल्स स्कूल, पटना के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक भ्रमण

पटना:-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में मंगलवार को एक विशेष शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पटना स्थित सेंट माइकल्स हाई स्कूल के विज्ञान क्लब के कक्षा 11वीं एवं 12वीं के कुल 37 विद्यार्थियों ने भाग लिया।             इन विद्यार्थियों में 20 छात्राएँ भी सम्मिलित थीं। यह भ्रमण कार्यक्रम विद्यालय के प्राचार्य फादर क्रिस्टु सवारीराजन एवं भौतिक विज्ञान विषय की अध्यापिका श्रीमती वनजा देवडॉस के मार्गदर्शन में हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की ओर प्रेरित करना था।          इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने छात्रों को संबोधित करते हुए कृषि के महत्व और खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संगठनात्मक संरचना की जानकारी दी और बताया कि घटते प्राकृतिक संसाधनों के बीच कृषि अनुसंधान मानव जीवन के लिए कितना आवश्यक है। उन्होंने वैश्विक समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता ह्रास और जल संकट के समाधान हेतु कृषि रणनीतियों पर भी चर्चा की।            डॉ. रोहन कुमार रमण, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने संस्थान की 25 वर्षों की यात्रा और पूर्वी भारत में कृषि को सशक्त बनाने में इसकी उपलब्धियों की जानकारी दी। वैज्ञानिक डॉ. कुमारी शुभा ने पोषण वाटिका की अवधारणा प्रस्तुत की, जिससे घरेलू स्तर पर पोषक एवं स्वास्थ्यवर्धक आहार उत्पादन संभव हो सके।           वैज्ञानिक डॉ. विवेकानंद भारती ने इको-हैचरी में मछली प्रजनन, समेकित मत्स्य पालन प्रणाली और भूमिहीन किसानों के लिए बायोफ्लॉक तकनीक की उपयोगिता का प्रदर्शन किया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी. सी. चंद्रन ने बिहार एवं झारखंड की स्थानीय पशु नस्लों के बारे बताया तथा दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए भैंस सुधार कार्यक्रमों पर विस्तृत जानकारी दी। छात्रों ने वैज्ञानिकों के साथ संवाद और प्रक्षेत्र भ्रमण के माध्यम से कृषि के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं की उपयोगी जानकारी प्राप्त की।             इस शैक्षणिक भ्रमण का समन्वय वैज्ञानिक डॉ. अनिर्बान मुखर्जी द्वारा किया गया, जिसमें श्री अमरेंद्र कुमार, श्री संजय राजपूत, श्री उमेश कुमार मिश्र एवं श्री तरुण कुमार का तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ। यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक सिद्ध हुआ और उन्होंने कृषि क्षेत्र में संभावनाओं को समझने में रुचि दिखाई।

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