एमएमडीपी किट के नियमित प्रयोग से हाथीपांव के मरीजों को मिलेगा लाभ

पटना:-फाइलेरिया जानलेवा नहीं,पर एक घातक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए कई प्रकार के अभियान चला रहा है।           ताकि फाइलेरिया बीमारी का उन्मूलन अपने राज्य से जल्द से जल्द हो सके। इसी मुहिम के तहत मंगलवार को आयुष्मान आरोग्य मंदिर, नीमा, पुनपुन में बीसीएम राहुल सत्यार्थी और सीएचओ राधा रानी कुमारी की उपस्थिति में 10 हाथीपांव से ग्रसित मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। इस दौरान सीएचओ सह पीएसपी सदस्य राधा रानी कुमारी ने फाइलेरिया मरीज सुनैना देवी के प्रभावित पैरों की साफ—सफाई की। साथ ही ट्रेनिंग में मौजूद फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी प्रशिक्षण के बारे में बताया। सीएचओ ने कहा कि एमएमडीपी किट का नियमित इस्तेमाल कर हाथीपांव के मरीज अपने बीमारी की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए मरीजों को स्वयं जागरूक होना होगा। तभी उन्हें हाथीपांव की बीमारी से राहत मिलेगी। इस मौके पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पुनपुन के बीसीएम राहुल सत्यार्थी ने कहा कि लिम्फेटिक फाइलेरियासिस यानी फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं। इसलिए सरकार ने फाइलेरिया को मिटाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। इस बीमारी से बचाव के लिए साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है। इस दौरान फाइलेरिया मरीजों के साथ—साथ सभी स्वस्थ लोगों को दवा सेवन करना चाहिए। तभी हमारे गांव, पंचायत और प्रखंड से फाइलेरिया बीमारी का उन्मूलन होगा। उन्होंने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता । लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद मरीजों को प्रभावित अंगों की साफ—सफाई सहित अन्य बातों को समुचित ध्यान रखना जरूरी होता है। मरीजों को दिया गया आवश्यक प्रशिक्षण और किट:-एमएमडीपी किट में मरीजों को डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया, और अन्य सामग्री प्रदान की गई। साथ ही सीएचओ ने मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की नियमित देखभाल के तरीके सिखाए। मरीजों को बताया गया कि कैसे डेटॉल साबुन से सफाई और एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग संक्रमण को नियंत्रित कर सकता है।           कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद:-इस मौके पर सिफार के प्रोजेक्ट एसोसिएट विकास चौहान, फाइलेरिया मरीज संजय पासवान, भगीरथ यादव, लक्षमी देवी, विनय कुमार सिंह, सुधरमा देवी, सदानंद सिंह, सुरेंद्र साव, चिंद्रा देवी, सुनैना देवी व कपिलदेव पासवान समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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