21 से 30 अगस्त के बीच जिले के 31 जगहों पर होगा एनबीएस कार्यक्रम

पटना:- फाइलेरिया जानलेवा नहीं,पर एक घातक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए कई प्रकार के अभियान चला रहा है।             इसी मुहिम के तहत आगामी 21 अगस्त से लेकर आगामी 30 अगस्त तक पटना जिले के कुल 31 जगहों पर सेंटिनेंटल और रैडम साइट बनाकर फाइलेरिया बीमारी की जांच के लिए नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) का आयोजन किया जाना है। जिसमें 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 8 अर्बन वाले इलाके में एनबीएस का आयोजन किया जाना है। उक्त बातें गुरुवार को जिला मलेरिया कार्यालय स्थित सभागार में आयोजित बीसीएम और सीएचओ के प्रशिक्षण के दौरान जिला वेक्टर बॉर्न जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष प्रसाद ने कहीं। इससे पहले डॉ. प्रसाद ने कहा कि लिम्फेटिक फाइलेरियासिस यानी फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं। इसलिए सरकार ने फाइलेरिया को मिटाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। इस बीमारी से बचाव के लिए साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है। इस दौरान फाइलेरिया मरीजों के साथ-साथ सभी स्वस्थ लोगों को दवा सेवन करना चाहिए। तभी हमारे गांव, पंचायत और प्रखंड से फाइलेरिया बीमारी का उन्मूलन होगा। उन्होंने बताया कि क्यूलेक्स मादा मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता । लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद मरीजों को प्रभावित अंगों की साफ-सफाई सहित अन्य बातों को समुचित ध्यान रखना जरूरी होता है। प्रत्येक साइट से 300 स्लाइड करना है संग्रह:-डॉ. सुभाष प्रसाद ने कहा कि प्रखंड स्तर पर स्थायी (सेंटिनल) और एक अस्थायी (रेंडम) साइट गांव में चयन किया जाना है। प्रत्येक साइट से 300 लोगों का ब्लड सेंपल संग्रह करना है। यानि कि दो साइटों से कुल 600 लोगों का ब्लड सेंपल संग्रह करना है। उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देश के अनुसार स्थायी साइट गांव का चयन फाइलेरिया मरीजों के आधार पर किया जाना है। साथ ही 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों का ही ब्लड लेना है। यानि कि जहां फाइलेरिया मरीजों की संख्या अधिक होगी उसके पहले चुनेंगे। स्थानीय जनप्रतिनिध का लें सहयोग:-डॉ. सुभाष प्रसाद ने सभी बीसीएम और सीएचओ से अपील की कि नाइट ब्लड सर्वे को सफल बनाने के लिए स्थानीय जन​प्रतिनिधियों का साथ लें।           इसके लिए पंचायत के मुखिया, आशा दीदी, आंगनबाड़ी, चौकीदार और जीविका समेत अन्य सोशल व्यक्ति को अभियान के बारे में बताएं और उनका सहयोग लें। उन्होंने कहा कि ब्लड संग्रह वाले दिन साइट का उद्घाटन मुखिया से कराएं। साथ ही ब्लड सैंपल संग्रह कार्य 8.30 बजे रात्रि के बाद ही करें। प्रशिक्षण में कल्याणी मिश्रा, बीसीएस तेज नारायण सिंह, सुबोध कुमार, सुनैना कुमारी, प्रियंका कुमारी, सीएचओ प्रीति कुमारी और प्रदीप कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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