न्यू कॉलोनी में हुई बड़ी चोरी की घटना बना रहस्य, एसआई खुशबू ने बिगाड़ा मामला 

– अब एसआईटी टीम का घटना के उद्भेदन के लिए फूल रहे हाथ पाव 

– 10 जुलाई को हूई थी 10 लाख नकद और 8 लाख के जेवरात की चोरी

– डीजीपी के निर्देश पर गठित हुआ है एसआईटी टीम

सहरसा:-सदर थाना क्षेत्र के न्यू कॉलोनी मोहल्ला में बीते 10 जुलाई हुई चोरी की घटना अब पुलिस के लिए रहस्य बन गया है। डीजीपी के निर्देश पर गठित एसआईटी टीम का घटना के उद्भेदन को लेकर हाथ पांव फूल रहे हैं। घटना को बीते 2 महीने से अधिक का भी समय निकल चुका है। लेकिन अब तक पुलिस का हाथ पूरी तरह खाली है। जबकि बड़ी चोरी की घटना के उद्भेदन के लिए पीड़ित लगातार शिकायत करते रहे। लेकिन नतीजा सिफर रहा। फिर थक-हार कर आखिरकार पीड़ित धरना प्रदर्शन का सहारा लेकर भी नींद में डूबे पुलिस को जगाने का प्रयास किया था। लेकिन पूर्व में घटना का अनुसंधानकर्ता और एसआई खुशबू कुमारी पर पीड़ित के धरना प्रदर्शन का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा। पीड़ित द्वारा दिए गए धरना के बावजूद भी उनके कानों पर जू नहीं रेंगा। वे घटना के उद्भेदन को लेकर लापरवाह बनी रही। जिसके कारण मामला बिगड़ता चला गया। वहीं पीड़ित डीएसपी, एसपी और डीआईजी का चक्कर लगाते-लगाते पूरी तरह परेशान हो गए थे। जिसके बाद वे बीते दिन राजधानी पटना पहुंचकर डीजीपी से मुलाकात किया था। अपने घर में हुई बड़ी की चोरी की घटना के उद्भेदन करा देने की गुहार लगाया था। पीड़ित की गुहार पर डीजीपी ने सख्त निर्देश जारी कर घटना के उद्भेदन के लिए एसआईटी टीम गठन करने का निर्देश एसपी हिमांशु को निर्गत किया था। साथ ही घटना के उद्वेदन के लिए 15 दिन की मोहलत भी दी थी। डीजीपी द्वारा दिए गए मोहलत का समय भी अब धीरे-धीरे खत्म होते जा रहा है। लगभग एक सप्ताह से अधिक का समय गुजर चुका है।      जिले के सदर डीएसपी आलोक कुमार के नेतृत्व में तेजतर्रार एसआई अविनाश कुमार, नया अनुसंधानकर्ता और एस आई जितेंद्र कुमार लगातार घटना के उद्भेदन को लेकर प्रयास करती हुई दिख रही है। लेकिन इन लोगों का प्रयास भी अब तक सफल नहीं हो पाया है। पूर्व के घटना के अनुशंधनकर्ता सह एसआई खुशबू कुमारी ने मामले को इतनी बुरी तरह बिगाड़ा और इतना लंबा वक्त बर्बाद कर दिया। जिसके कारण एसआईटी टीम किसी भी दिशा में आगे नहीं बढ़ पा रही है। वे न तो चोर के मोबाइल लोकेशन से ही उसे गिरफ्त में ले पा रही है और न ही मानवीय या तकनीकी अनुसंधान ही घटना का उद्भेदन कर पा रही है। ऐसे में गुजरते वक्त के साथ पीड़ित और उसके परिजन मानसिक रूप से पूरी तरह अस्वस्थ हो चुके हैं। वे अब बड़ी आंदोलन की ओर रुख कर रहे हैं। जिसके अंतर्गत लंबी भूख हड़ताल या लंबा धरना प्रदर्शन या आत्मदाह भी उनके द्वारा किए जाने की बातें कही जा रही थी।

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