चार श्रम कोड बिल मजदूरों को गुलाम बनाने वाले काला कानून है:-कुंदन

सहरसा:-मोदी शासन में मजदूर वर्ग पर बढ़ते हमले के खिलाफ मजदूर अधिकारों की रक्षा के लिए जिले के कचहरी चौक पर मजदूर जागरूकता अभियान चलाया गया।           ऐक्टू जिला सचिव मुकेश कुमार के नेतृत्व में जागरूकता अभियान में लेबर कानून को रद्द करने, सामाजिक सुरक्षा, मजदूर हित के कानून को खत्म करने पर रोक लगाने, निर्माण मजदूर सहित सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंध करने, नियमित काम और मजदूरी की गारंटी, महंगाई रोकने आदि सवालों को उठाते हुए उन्हें जागरूक किया गया। मौके पर उपस्थित दर्जनों महिला-पुरुष मजदूरों को संबोधित करते हुए माले युवा नेता सह जिला 20 सूत्री सदस्य कुंदन यादव ने कहा कि विनाशकारी मोदी सरकार के शासन काल में मजदूर के अधिकारों में लगातार कटौती किया जा रहा है। चार श्रम कोड बिल मजदूरों को गुलाम बनाने वाले काला कानून है जो मजदूर वर्ग के लिए विनाशकारी साबित होगा। उन्होंने मजदूरों से इसके खिलाफ संघर्ष तेज करने की अपील की। माले नेता सह 20 सूत्री सदस्य विक्की राम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कोड बिल मजदूर विरोधी है लंबे संघर्ष से हासिल निर्माण मजदूरों के लिये केंद्रीय कानून-1996 के तहत बने राज्य स्तरीय कल्याण बोर्डों को खत्म करने के लिये मोदी सरकार ‘सामाजिक सुरक्षा कोड’ ले आई है जिसके तहत कल्याण बोर्डों से निर्माण मजदूरों ने अपने लिये अलग एक सामाजिक सुरक्षा हासिल की थी जिसे इस कोड के माध्यम से उलटा जा रहा है जो निर्माण मजदूर के साथ नाइंसाफी है।        मौके पर माले नेता सागर कुमार, सीताराम यादव, अजय यादव, बेचनी देवी, सती देवी, ऐक्टू जिलाध्यक्ष वीणा देवी, मीरा देवी, मनीष कुमार, मनसरिया देवी, पूनम देवी सहित दर्जनों महिला-पुरुष मजदूर मौजूद थे।

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