डीजीपी के निर्देश पर तीन-तीन डीएसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी टीम न्यू कॉलोनी की बड़ी चोरी की घटना में अब तक रहे है असफल

– बाद में हुए तीन चोरी की घटना का हो चुका उद्भेदन
– लाखों के जेवरात की हो चुकी है बरामदगी
– एसआई खुशबू की लापरवाही से बड़ी चोरी की घटना अब बन रहा मिस्ट्री

सहरसा:-बीते 10 जुलाई को सदर थाना क्षेत्र के न्यू कॉलोनी में हुई बड़ी चोरी की घटना अब धीरे-धीरे मिस्ट्री बनती जा रही है। जबकि राज्य के डीजीपी के निर्देश पर एसपी हिमांशु ने जिले के तीन डीएसपी के नेतृत्व में घटना के सफल उद्भेदन के लिए एसआईटी टीम का गठन किया था लेकिन डीजीपी के निर्देश पर गठित एसआईटी टीम को दिए गए 15 दिन की मोहलत भी अब खत्म हो रही है। ऐसे में राज्य के आला पुलिस अधिकारी के निर्देश के बावजूद बड़ी चोरी की घटना पर से रहस्य हटना मुश्किल लग रहा है।         डीजीपी के निर्देश पर गठित एसआईटी टीम में कौन कौन हैं डीएसपी:-बता दें कि डीजीपी के निर्देश पर एसपी हिमांशु ने हेड क्वार्टर डीएसपी धीरेंद्र पांडे, सदर एसडीपीओ आलोक कुमार और साइबर डीएसपी अजीत कुमार के नेतृत्व में डीआईयू के पुलिस अवर निरीक्षक अविनाश कुमार, सदर थाना अध्यक्ष सुबोध कुमार और वर्तमान उक्त कांड के अनुसंधानकर्त्ता जितेंद्र कुमार ठाकुर को टीम में शामिल किया था। जिन्हें घटना के उद्भेदन का हार्ड टास्क भी दिया गया था। लेकिन वे अब तक असफल ही हैं। बाद में हुए तीन चोरी की घटना का हो गया उद्भेदन:-हालांकि पुलिस की गठित टीम न्यू कॉलोनी में हुई बड़ी चोरी की घटना के बाद घटी दिनदहाड़े चोरी सहित दो अन्य चोरी की घटना का सफल उद्भेदन करने में सफल रही है। उक्त तीनों घटना में चोरी गए लाखों के जेवरात के साथ पूर्णिया जिले के बनमनखी थाना क्षेत्र के शिक्षा नगर से संजय स्वर्णकार की गिरफ्तारी की गई थी। जो चोरी के जेवर की खरीद बिक्री का काम किया करते थे। लेकिन उक्त तीनों चोरी के घटना का उद्भेदन करने के बाबजूद न्यू कॉलोनी में हुई बड़ी चोरी का घटना अछूता रह गया था। पीड़ित का पुलिस पर से उठ रहा विश्वास:-ऐसे में अब तीन-तीन डीएसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी अब तक सफल होती हुई नहीं दिख रही है। जिससे पीड़ित का भरोसा और विश्वास भी पुलिस से उठता जा रहा है। हालांकि उम्मीद का दामन अभी भी पीड़ित थामे हुए हैं। वे एसआईटी टीम की क्रियाकलाप और कार्यशैली पर भरोसा कायम रख रहे है। एक को शक पर पकड़ा, जांच कर छोड़ा:-हालांकि इस दौरान एसआईटी टीम ने शक के आधार पर न्यू कॉलोनी से ही एक युवक को हिरासत में लिया था। जिससे दिनभर पूछताछ की गई थी। लेकिन पुलिस के पूछताछ में भी उक्त घटना का कोई सुराग नहीं मिला था। जिसके बाद देर शाम उक्त युवक को रिहा कर दिया गया था। जिससे पीड़ित को जगी थोड़ी सी उम्मीद भी अब टूटती जा रही है। कब हुई थी घटना:-बता दे कि बीते 10 जुलाई को सदर थाना क्षेत्र के न्यू कॉलोनी निवासी चंचल सिंह अपने बीमार पत्नी के इलाज के लिए पटना पहुंचे थे। इस दौरान उनके बंद और सुने घर का ताला तोड़कर 10 लाख नकद और 8 लाख के जेवरात की चोरी हुई थी। चोरी की घटना के बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराया था। जिसको लेकर सदर थाना कांड संख्या 792/25 दर्ज की गई थी। तत्कालीन एसआई खुशबू ने किया जमकर लापरवाही, लेकिन मिला एसपी से रिवॉर्ड, बनी थानाध्यक्ष:-घटना के बाद कांड का अनुसंधानकर्त्ता तत्कालीन एसआई खुशबू कुमारी को बनाया गया था। जिसने घटना के उद्भेदन में पूरी तरह लापरवाही दिखाई थी। साथ ही समय भी बर्बाद करते रही थी। जिसका फलाफल काफी खराब रहा। एसआई खुशबू कुमारी पर पीड़ित को ही परेशान करने के भी आरोप लगते रहे। हालांकि बाद में एसपी हिमांशु से उन्हें रिवॉर्ड ही मिला। घटना के उद्भेदन नहीं किए जाने के बाबजूद जहां उन्हें सजा मिलनी चाहिए थी। वही एसआई खुशबू कुमारी को रीवार्डेड करते हुए बनमा इटहरी थाना का वर्तमान थाना अध्यक्ष बना दिया गया। जिससे मामला उलझता चला गया।अब भी पुलिस पर उम्मीद की पीड़ित लगा रहे टकटकी:-ऐसे विपरीत परिस्थिति में पीड़ित डीएसपी, एसपी और डीआईजी तक शिकायत देते-देते थक गए थे। जिसके बाद में बीते महीने वे राज्य के आला पुलिस अधिकारी डीजीपी तक पहुंचे। डीजीपी से अपनी फरियाद सुनाई। डीजीपी ने पीड़ित की फरियाद को गंभीरता से लिया।                     एसपी हिमांशु को एसआईटी टीम गठन करने और घटना के उद्भेदन के लिए 15 दिन की मोहलत दिया था। उनके द्वारा दिया गया 15 दिन का मोहलत भी अब खत्म हो रहा है। लेकिन डीजीपी के निर्देश पर एसपी हिमांशु द्वारा तीन-तीन डीएसपी को शामिल कर गठित की गई एसआईटी टीम अब तक पूरी तरह असफल ही दिख रही है। देखना लाजमी होगा कि तीन-तीन डीएसपी से सुसज्जित एसआईटी टीम न्यू कॉलोनी की बड़ी चोरी की घटना का उद्भेदन करने में सफल हो पाती है या नहीं.?

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