गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भावस्था जागरूकता जरूरी

पटना:- गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे का एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार एएनसी जरुरी है। राज्य में 2025 में अप्रैल से जुलाई माह तक दो लाख 65 हजार 949 गर्भवतियों ने ईपीएमएसएमए के तहत प्रसव पूर्व जांच कराई है। वहीं 19 हजार 314 महिलाओं को उच्च जोखिम प्रसव वाले गर्भवतियों की पहचान की गयी। इनमें से 12 हजार 698 उच्च जोखिम वाली (एचआरपी) महिलाओं का प्रबंधन किया गया। जो कुल एचआरपी वाली महिलाओं का 65.7 प्रतिशत है। गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भावस्था जागरूकता जरूरी है। पटना विश्वविद्यालय में पापुलेशन रिसर्च सेंटर के पूर्व निदेशक डा दिलीप कुमार कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपनी गर्भधारण को छिपाती हैं। इससे उनके चार जरुरी प्रसव पूर्व जांच में या तो देरी होती है या छूट जाती है। इसका सीधा प्रभाव उनके उच्च जोखिम वाले प्रसव के रूप में दिखता है।              इंडियन जर्नल आफ कम्युनिटी जर्नल में क्ववालिटी एएनसी के कारक शीर्षक से छपी एक रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र, शिक्षा, धन, धर्म, रोजगार की स्थिति, पति की शिक्षा, प्रेग्नेंसी के बारे में जानकारी और उम्र ऐसे कारक थे जो क्वालिटी प्रसव पूर्व भी जांच को प्रभावित करते हैं। जर्नल में छपी रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि गुणवत्तापूर्ण एएनसी को बढ़ाने के लिए गर्भावस्था जागरूकता के विभिन्न कारकों पर जोर देकर एएनसी को बढ़ाया जा सकता है, जो मातृ स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा। आरोग्य सत्र दिवस से गर्भावस्था जागरूकता को बढ़ावा:-राज्य में अप्रैल से जुलाई तक 23 हजार 612 आरोग्य सत्र संचालित किए गए। जो लक्ष्य का 50 प्रतिशत है। ज्यादा से ज्यादा प्रसव पूर्व जांच हो इसके लिए राज्य के अंतर्गत प्रति महीने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना को तीन दिन संचालित किया जा रहा है। ज्यादा एएनसी जांच होने से एचआरपी के केस को भी कम किया जा सकता है। गर्भावस्था जागरूकता के संबंध में एम्स पटना में एडिशनल प्रोफेसर डॉ इंदिरा प्रसाद कहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान मां को सबसे ज्यादा स्वस्थ रहने की जरूरत होती है। इसके लिए सबसे जरूरी एएनसी है, पर इस एएनसी की जानकारी हर महिला को हो इसके लिए घर के पुरूषों के साथ किशोरावस्था में ही लड़कियों को एएनसी के फायदों के बारे में बताना जरूरी है। यह एएनसी के कवरेज को बढ़ाने के साथ एचआरपी प्रबंधन के लिए भी सहायता करेगा।

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