सहरसा में तीन दिवसीय उग्रतारा महोत्सव 23 से 25 सितंबर तक

सहरसा:- जिले में सांस्कृतिक धरोहर और परंपरा का रंग बिखेरने के लिए 23 से 25 सितंबर तक महिषी मुख्यालय स्थित राजकमल क्रीड़ा मैदान में पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय उग्रतारा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन और जिला कला संस्कृति विभाग की इस संयुक्त पहल में राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय कलाकारों तक को मंच मिलेगा।त्रि दिवसीय महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रम संबंधित विवरण निम्नवत है। पहला दिन (23 सितंबर):-महोत्सव की शुरुआत वेद विद्या केंद्र महिषी के बच्चों द्वारा मंत्रोच्चार से होगी। इसके बाद अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और स्मारिका व काफी टेबल बुक का विमोचन किया जाएगा। स्थानीय कलाकारों के द्वारा स्वागत नृत्य की प्रस्तुति होगी। उसके बाद दिल्ली के प्रसिद्ध कोरियोग्राफर मैत्री पहाड़ी व टीम द्वारा नृत्य प्रस्तुत करेंगे। मिथिला के स्थापित कलाकारों की झलक भी दर्शकों को देखने को मिलेगी। वहीं संध्या बेला में बनारस की गंगा आरती की तर्ज पर पं. बृजमोहन पाठक और टीम विशेष प्रस्तुति देंगे। अंत में प्रसिद्ध गायिका हर्षप्रीत बग्गा की प्रस्तुति होगी। दूसरा दिन (24 सितंबर):-दूसरे दिन की शुरुआत स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियों और पारंपरिक झिझिया नृत्य से होगी। गुजरात से आए महेंद्र जोशी और दक्षा जोशी डांडिया की सोनल गरबा डांस टीम गरबा और डांडिया की झलक दिखाएंगे। दर्शकों को हंसी से सराबोर करने के लिए सुप्रसिद्ध हास्य कवि रविंद्र जॉनी मंच पर आएंगे। अंत में बॉलीवुड पार्श्व गायिका सुमेधा कर्महे अपनी मधुर आवाज से समां बांधेंगी। तीसरा दिन (25 सितंबर):-अंतिम दिन स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियों के बाद कवि शंकर केमुरी और उनका दल कवि सम्मेलन करेंगे।          झारखंड से आए कलाकार परेश महतो व टीम महिषासुर मर्दनी पर अद्भुत प्रस्तुति देंगे। वहीं सुदीप कवि एवं टीम छऊ नृत्य प्रस्तुत करेंगे। भजन व लोकगीत की प्रस्तुति हिमांशु मोहन मिश्र दीपक देंगे। तीन दिवसीय महोत्सव का समापन बॉलीवुड की ख्याति प्राप्त गायिका अरुणीता कांजीलाल अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगी। जिला पदाधिकारी दीपेश कुमार ने कहा कि उग्रतारा महोत्सव सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि मिथिला की परंपरा और विविधता को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का एक अवसर है। प्रशासन का उद्देश्य है कि यहाँ की संस्कृति, लोककला और प्रतिभाओं को देशभर में नई पहचान मिले। हमें गर्व है कि स्थानीय कलाकारों को भी इस मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। वहीं संयोजक नगर आयुक्त प्रभात कुमार झा ने कहा कि यह महोत्सव सहरसा की पहचान को और मजबूत करेगा। तीन दिवसीय आयोजन में हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ-न-कुछ विशेष है। हमें उम्मीद है कि बड़ी संख्या में लोग यहाँ शामिल होकर न केवल आनंद उठाएंगे बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी आगे बढ़ाएंगे। जिला कला संस्कृति पदाधिकारी स्नेहा झा ने कहा कि यह महोत्सव न केवल मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान देगा बल्कि स्थानीय कलाकारों को राष्ट्रीय मंच पर आगे बढ़ने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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