जिलाधिकारी ने शिक्षा संवाद कर छात्रहित व महिलाओं के लिए संचालित योजनाओं की दी जानकारी

सहरसा:-जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने महंत मिट्ठू दास+2 उच्च विद्यालय अमरपुर सोनवर्षा तथा उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय रायपुरा भोरहा सिमरी बख्तियारपुर में आयोजित शिक्षा संवाद में शामिल हुए।           कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया तत्पश्चात जिलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। मौके पर उपस्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कार्यक्रम आयोजन के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार शिक्षा विभाग के माध्यम से हर बच्चे के क्षमता को निखारना चाहती है और इसलिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है।          जिलाधिकारी ने बताया कि शिक्षा संवाद के माध्यम से एक तरफ सरकार छात्रों व उनके अभिभावकों को शिक्षा विभाग तथा अन्य विभागों से संचालित छात्रहित की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है तो दूसरी तरफ उनसे इन योजनाओं के संचालन से संबंधित फीडबैक ली जाती है ताकि इसे और बेहतर किया जा सके। जिलाधिकारी ने शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे व्यापक परिवर्तन की जानकारी दी। विद्यालयों के आधारभूत संरचनाओं से लेकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की उपलब्धता पर सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास की जानकारी दी गयी।      उन्होंने बताया कि ये सभी कार्य करने के पीछे मनसा यही है कि बिहार के हरेक बच्चे/बच्चियाँ बड़े होकर एक कामयाब नागरिक बन बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। विद्यालयों में निःशुल्क पाठय सामग्री/पोशाक/साइकिल तथा मिड डे मील कार्यक्रम का मतलब यही है कि हरेक वर्ग का बच्चा एक समान तरह से विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करे। विद्यालयों में कोई भेदभाव नहीं हो। शिक्षा धर्म सभी धर्मों से ऊपर है।+2 शिक्षा के उपरांत बच्चों के उच्च तथा तकनीकी शिक्षा हेतु जिले में आई टी आई, पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, अभियंत्रण महाविद्यालय तथा चिकित्सा महाविद्यालय खोले जा रहे हैं।शिक्षा सबको मिले इसके लिए जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र से स्वयं सहायता भत्ता, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, कुशल युवा कार्यक्रम संचालित है। जिला नियोजन कार्यालय से जॉब कैम्प आयोजित कराए जा रहे हैं।         उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय रायपुरा भोरहा में जिलाधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार महिलाओं को आरक्षण देकर न केवल आर्थिक स्थिति सुधार रही है वल्कि महिला सशक्तिकरण भी कर रही है।कन्याओं के जन्म से कन्या उत्थान कार्यक्रम के तहत लाभान्वित कर नौकरी में तथा पंचायती राज में आरक्षण देकर उन्हें हर स्तर पर सशक्त बनाया जा रहा है। इन सभी योजनाओं का परिणाम है कि अब विद्यालयों में कन्याओं का ड्राप आउट काफी कम हो गया है तथा बढ़ी साक्षरता ने प्रजनन दर को भी कम करने में सहायक हुआ है।जिलाधिकारी ने कहा कि अब पूर्व की अपेक्षा विद्यालयों में काफी सुधार हुआ है।             वहां न बेंच-डेस्क की कमी है न शिक्षकों की। स्मार्ट क्लास तथा कम्प्यूटर लैब भी संचालित हो रहे हैं ताकि गाँव के बच्चे भी आधुनिक शिक्षा से लैस हो सके। दोनों विद्यालयों में जिलापदाधिकारी ने अपने संबोधन के पश्चात वृक्षारोपण का कार्य किया।

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