कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर अबीर-गुलाल लगाकर मिठाई बांटकर मनाया जश्न

सहरसा:- गरीबों व वंचितों की सशक्त आवाज, सामाजिक समरसता के प्रतीक एवं कुशल राजनीतिज्ञ, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की शताब्दी जयंती पर वैश्य समाज के द्वारा वार्ड नंबर 4 स्थित सिमरहा मे कर्पूरी ठाकुर के आवास पर आयोजित कर उनकी तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ-साथ जननायक को भारत सरकार के द्वारा भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर उपस्थित लोगों ने ढाल, मृदंग, ढोल बजाकर, अबीर-गुलाल लगाने के साथ मिठाई बांटकर जश्न मनाया गया।          100 वी जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए वैश्य समाज के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर का नाम उन महान समाजवादी नेताओं की पांत में आता है, जिन्होंने निजी और सार्वजनिक जीवन, दोनों में आचरण के ऊंचे मानदंड स्थापित किए थे। राजनीति में इतना लंबा सफर बिताने के बाद जब उन्होंने दुनिया छोड़ी तो अपने परिवार को विरासत में देने के लिए एक मकान तक उनके नाम नहीं था ना तो पटना में, ना ही अपने पैतृक घर में वे एक इंच जमीन जोड़ पाए। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में आपको सुनने को मिलते हैं। युवाओं को रोजगार देने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इतनी थी कि एक कैंप आयोजित कर 9000 से ज्यादा इंजीनियरों और डॉक्टरों को एक साथ नौकरी दे दी।          भाजपा जिला मंत्री व वैश्य समाज के प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत-रत्न मिलना पूरे देश एवं प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। विशेषकर अतिपिछड़े, दलित वंचित समुदाय के बीच सकारात्मकता का संचार करने में सहायक सिद्ध होगा। इस सर्वोच्च सम्मान के लिए दशकों से लगातार अतिपिछड़ा समाज के लोग आवाज उठाते रहे हैं, यह उनके समुचित प्रयासों का ही सफल परिणाम है। इस गौरवपूर्ण पल के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद। वैसे अतिपिछड़ा समाज के लोग जो कर्पूरी ठाकुर जी के द्वारा दिए आरक्षण से आज सरकरी सेवा मे है या आरक्षित सीट से जनप्रतिनिधि बने है वैसे लोग भारत रत्न कर्पूरों ठाकुर जी के सच्चे अनुयायी हैं उनकी ही भावधारा से अतिपिछड़े, महिला, दलित, गरीब सवर्ण, पिछड़े अर्थात समाज के हर वर्ग की उन्नति के लिए सम्यक प्रयास कर रहा हैं। वार्ड पार्षद प्रतिनिधि पंकज ठाकुर ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर सच में जननायक थे, वह सच्चे सामाजिक न्याय के पक्षधर थे।             बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी जी ने जब बिहार में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था दी तो उन्होंने उच्च वर्ग के गरीबों को भी आरक्षण का अधिकार दिया था। महिलाओं के लिए भी पहली बार आरक्षण दिया वहीं दिव्यांगों के लिए ऐसा कदम उठाया अर्थात कर्पूरी जी सभी वर्ग को अधिकार दे सामाजिक न्याय को समरूपता प्रदान किया था उनकी ईमानदारी, सादगी, सहजता तो बेजोड़ थी। जंयती समारोह सह जश्न समारोह में मुख्य रूप से कर्पूरी ठाकुर, रामप्रसाद ठाकुर, अमर ठाकुर, अनुज कुमार निराला, लक्ष्मण ठाकुर, विकास कुमार, विजय ठाकुर, अंजनी कुमार रवि, गंगा ठाकुर, शंभू ठाकुर, शंकर साह, भुप्पी साह, रामनेरश साह, सुरेश साह, राजनीति गुप्ता आदि शामिल थे।

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