शांति और एकजुटता के लिए बुद्धिजीवियों को सड़क पर उतरना होगा:-ब्रज कुमार पांडेय

पटना:  अखिल भारतीय शांति व एकजुटता संगठन ऑल इंडिया पीस एंड सोलीडिरिटी आर्गेनाइजेशन ( ऐप्सो) का नौवां पटना जिला सम्मेलन कंकड़बाग स्थित ए.के सेन भवन में हुआ। सम्मेलन में पटना के अलावा बाढ़, नौबतपुर, मसौढ़ी, खुसरूपुर आदि जगहों के प्रतिनिधि शामिल हुए।          सम्मेलन भवन का नामकरण ‘ऐप्सो’ के पूर्व महासचिव स्व फणीश सिंह जबकि सभागार डेजी नारायण के नाम पर किया गया था। सर्वप्रथम ए.के.सेन भवन से प्रतिभागियों ने मार्च निकाला। मार्च में युद्ध बंद करो, शांति कायम करो, साम्राज्यवाद का नाश हो जैसे नारों के साथ कंकड़बाग टैंपो स्टैंड तक जाकर फिर सम्मेलन स्थल तक लौट आया।
उद्घाटन समारोह में सबसे पहले राजन द्वारा जनगीत गाया। सर्वप्रथम ब्रज कुमार पांडे द्वारा लिखित ‘ऐप्सो’ के इतिहास पर केंद्रित पुस्तिका का लोकार्पण किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए संगठन के वयोवृद्ध महासचिव ब्रज कुमार पांडेय ने कहा ” देश में अराजकता का माहौल बन गया है। शांति और एकजुटता कायम करने के लिए देश के बुद्धिजीवियों को सड़क पर उतर आंदोलन करना होगा।           अन्यथा देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखना मुश्किल हो जायेगा। हथियारों की होड़ से विश्व को खत्म होने की खतरा है। विश्व में जब युद्ध का वातावरण बना उस समय वर्ल्ड पीस काउंसिल ने युद्ध से बचाने के लिए कार्य किया। इसे पुनः मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत में राज्यों के स्तर पर लगातार कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। पटना जिला की चर्चा करते हुए कहा। पूर्व में इस जिला में व्यापक पैमाने पर कार्यक्रम किए जाते थे। आज पुनः पटना जिला ने इसे दुहराना शुरू कर दिया है। ऐप्सो के संरक्षक मंडल के सदस्य डॉ सत्यजीत ने बिहार में शांति आंदोलन के पुराने दिनों को याद करते हुए कहा “नाभिकीय अस्त्रों के खिलाफ आज मनवाता नाश होने के कगार पर खड़ी है। युद्ध में सबसे अधिक महिलाएं और बच्चे मारे जाते हैं। हथियार पर आज सबसे अधिक खर्च किया जा रहा है।इसके बदले शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिलाना शांति पसंद नागरिकों का कर्तव्य है। राज्य अध्यक्ष मंडली सदस्य चंद्रप्रकाश सिंह के अनुसार ऐप्सो ने दुनिया भर में शांति और एकजुटता के लिए जो काम किया, अभियान चलाया वह अतुलनीय है। आज किसान और मजदूर भी फासिस्ट सरकार के विरुद्ध कमर कस रहे हैं। ऐप्सो  के राज्य महासचिव सर्वोदय शर्मा ने अपने संबोधन में बताया अमेरिका की अर्थव्यवस्था युद्ध पर आधारित है। वह चाहता है कि दुनिया के किसी न किसी देश में युद्ध होता रहे ताकि उसके युद्ध सामग्री का व्यापार चले। इससे विश्व में शांति को खतरा उत्पन्न हो गया है।           ऐप्सो विश्व शांति परिषद से जुड़ा हुआ है। इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र में औबजरवर का स्टेटस मिला हुआ है। उद्घटान सत्र की अध्यक्षता करते हुए राम बाबू कुमार ने बताया शांति और एकजुटता के लिये ऐप्सो की सदस्यता समाज के सभी हिस्सों से आने वाले होते हैं। यह संगठन मानवता की रक्षा के लिए यह संगठन मुस्तैदी से कार्य करता है। अब इसके लिए सड़कों पर उतरने की आवश्यकता है। ऐप्सो के राज्य महासचिव अनीश अंकुर ने कहा कि युद्ध और शांति के लिए क्यूबा की चर्चा करते हुए कहा कि जिस कम्युनिस्ट विरोधी सैनिक ने चे ग्वेरा की हत्या की थी उसके आंख का ऑपरेशन क्यूबा के डॉक्टर ने मुफ्त में ऑपरेशन किया। इससे बढ़कर कौन सच्चा गांधीवाद हो सकता है। सम्मेलन को सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वजीत ने शांति आंदोलन को सड़कों पर ले जाने की जरूरत पर बल दिया। सम्मेलन के सांगठनिक सत्र की अध्यक्षता लक्ष्मीकांत तिवारी, विजय कुमार सिंह, गजनफर नवाब, मदन प्रसाद सिंह ने किया। भोला शर्मा ने सांगठनिक रिपोर्ट पेश किया। रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर बदलते शक्ति संबंधों पर प्रकाश डाला गया। विशेषकर अमेरिकी साम्राज्यवाद द्वारा हथियारों पर लगातार बढ़ाते जा रहे खर्च पर चिंता व्यक्त की गई, फिलीस्तीन पर इजरायली हमले और यूक्रेन की आड़ में पश्चिमी साम्राज्यवाद द्वारा रूस को घेरने की रणनीति की चर्चा की गई। रिपोर्ट पेश होने के बाद प्रतिनिधियों ने रिपोर्ट को समृद्ध बनाने के लिए बहस में हिस्सा लिया। ऐसे प्रमुख लोगों में थे कुमार सर्वेश, उदयन राय, आलोक, उदय प्रताप सिंह, शैलेंद्र कुमार शर्मा, शौकत अली। सर्वसम्मति से रिपोर्ट पारित होने के बाद नई जिला कमिटी का गठन किया गया जिसमें 65 सदस्यीय जिला परिषद का गठन किया गया। भोला शर्मा, जयप्रकाश और कुलभूषण महासचिव बनाए गए। सम्मेलन में चुने गए प्रमुख पदाधिकारियों में थे अरुण शादवाल, विजय श्री डांगरे, राजीव रंजन, अभय पांडेय, प्रो सुधीर कुमार, कुमार सर्वेश, अभय पांडे, प्रीति सिंह , गौतम गुलाल, गोपाल गोपी मंजीत साहू, डॉ अंकित, राकेश कुमुद, निखिल कुमार झा, अभिषेक कुमार, अशोक यादव, कृष्ण समृद्ध, अनिल अंशुमन, अर्चना सिन्हा, आशुतोष शर्मा, भोला पासवान एवं कोषाध्यक्ष गोपाल प्रसाद शर्मा बनाए गए। अंत में ‘हम होंगे कामयाब’ के समवेत गायन से सम्मेलन का समापन हुआ।  सम्मेलन में पटना शहर के प्रमुख रंगकर्मी, साहित्यकार, समाजिक कार्यकर्ता, ट्रेड यूनियन के नेता आदि मौजूद थे। ऐसे प्रमुख लोगों में थे शगुफ्ता रशीद, कुमार विनिताभ, सुनीता गुप्ता, संजय कुमार कुंदन, रमेश सिंह, भोला पासवान, सरिता पांडे, मनोज चंद्रवंशी, बिट्टू भारद्वाज, राजीव जादौन, अभय पांडे, मनोज कुमार, हसन इमाम, राकेश रंजन, कैलाश शर्मा, अभिषेक आनंद, पीयूष रंजन झा, गजेंद्रकांत शर्मा, विनीत राय, सुधाकर कुमार, मुकेश कुमार रंजन मौजूद थे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com