सीनेट व सिंडिकेट अविलंब कराने को एआईवाईएफ ने लिखा कुलपति एवं कुलसचिव को पत्र

मधेपुरा:-सोमवार को वाम संगठन एआईवाईएफ जिलाध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने बीएनएमयू कुलपति और कुलसचिव को पत्र लिखकर सीनेट और सिंडिकेट बैठक में हो रहे विलंब पर कड़ी नाराजगी जताई है और इसे बीएनएमयू का दुर्भाग्य बताया है।कुलपति और कुलसचिव को लिखे पत्र में एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष राठौर ने कहा है कि समय पर सीनेट, सिंडिकेट बैठक के संकल्प के बाद भी बीएनएमयू में कभी सीनेट एवम् मासिक सिंडिकेट निर्धारित समय सीमा में सम्भव नहीं हो सका ।नियमानुसार समय पर सीनेट और हर माह सिंडिकेट बैठक होनी चाहिए जो साल के शुरू का प्रमुख संकल्प रहता है इस साल का फरवरी माह आधा खत्म होने को है लेकिन सीनेट, सिंडिकेट की सुगबुगाहट नहीं नजर आ रही है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि विश्वविद्यालय ने खुद से पहल करते हुए समय पर बैठक की पहल की हो हर बार किसी न किसी सदस्य अथवा अन्य संगठनों को बैठक करवाने का आग्रह करना पड़ता है इस बार भी यही आलम है। विगत सीनेट के एक साल और मासिक सिंडिकेट के छः माह गुजर चुके:-राठौर ने बीएनएमयू पदाधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि विगत सीनेट पिछले साल जनवरी में हुई और पिछले साल के अगस्त में ही दीक्षांत विशेष मासिक सिंडिकेट हो पाई है।            जहां पिछली सीनेट के एक साल से अधिक हो गये वहीं हर माह होने वाली सिंडिकेट छः माह से नहीं हो पाई है जिससे बीएनएमयू पूरी तरह पटरी से उतरी प्रतीत होती है। विश्वविद्यालय स्थापना के 32 साल बाद भी है एकेडमिक सीनेट का इंतजार:-बीएनएमयू के वरीय पदाधिकारियों के लम्बे चौरे वादों को कटघरे में खड़े करते हुए राठौर ने पत्र में लिखा है कि कहां साल में दो सीनेट एक एकेडमिक और दूसरा बजट विशेष सीनेट आयोजन का संकल्प लिया गया था लेकिन आलम ऐसा कि स्थापना के 32 साल बाद भी बीएनएमयू को पहले एकेडमिक सीनेट का इंतजार है।ऐसे में बीएनएमयू के विकास की कसमें और वादे महज छलावा नजर आता है।जबतक हम अंदर से ही दुरुस्त नहीं होंगे तब तक विश्वविद्यालय को मजबूत करने की बात व पहल संभव नहीं लगती है।सीनेट, सिंडिकेट नहीं होने से कई विभाग, कमिटी, फैसले मृत से हो जाते हैं। वर्तमान कुलपति मृतप्राय व्यवस्था को करें दुरुस्त:-राठौर ने कहा कि वर्तमान कुलपति का पदभार ग्रहण कुछ ही दिन हुआ है लोगों को उम्मीद है वो बेपटरी हुई व्यवस्था को जल्द ही व्यवस्थित कर पाएंगे।राठौर ने मांग किया कि अविलंब पिछले बैठक के निर्णय को पूरा करते हुए एकेडमिक एवम बजट विशेष वार्षिक सीनेट एवम् मासिक सिंडिकेट बुलवाने की पहल हो जिससे पूर्व के बैठक के निर्णय की समीक्षा करते हुए आगे के निर्णय पर मंथन व पहल हो।

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