सिद्धांत विहीन राजनीति के दौर में कुर्सी के लिए अंधे हो गए देश के नेता:-किशोर कुमार

सहरसा(भार्गव भारद्वाज):-भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर जिला नई संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम सिमराहा में शामिल होते हुए पूर्व विधायक किशोर कुमार ने कहा कि कर्पूरी जी का जीवन उच्च आदर्शो और सिद्धांतों पर आधारित था, जिस वजह से आज भी हम उन्हें जननायक के नाम से याद करते हैं।           लेकिन दुख होता है कि आज उनके नाम पर राजनीति हो रही है और उनके आदर्शों को परे धकेल दिया गया है। किशोर कुमार ने उक्त बातें भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी को श्रद्धांजलि देते हुए कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता सभापति तारनी ठाकुर ने किया तथा संचालन शिवशंकर ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि सिद्धांत विहीन राजनीतिक इस दौर में देश के नेता कुर्सी के लिए अंधे हो गए हैं और वह जनता और लोकतंत्र का मखौल बना रहे हैं। किशोर कुमार ने कहा कि जिस लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए कर्पूरी ठाकुर जी जैसे महान आत्माओं ने संघर्ष किया, अगर वह आज के दौर में होते तो वह क्या करते? उन्होंने कहा कि जाति और धर्म ही सत्ता तक पहुंचाने का आज माध्यम बन चुका है। बिहार पिछड़ा है। यहां बच्चे अनपढ़ हैं। रोजगार के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कल कारखाने नहीं खुले हैं। उसके कारण आज भी ट्रेनों में भरकर भीड़ मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेश जाते हैं। अब तो अपनी आजीविका के लिए लोग गलत तरीके से भी विदेश जाने लगे हैं। अस्पताल सिर्फ कागजी आंकड़ों के लिए बने हैं वहां गरीबों का इलाज संभव नहीं। गरीबी की मार इतनी की दिल्ली एम्स समेत दूसरे प्रदेशों के अस्पताल में बिहार के लोग जान बचाने के लिए भर्ती होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार के बगैर आम लोगों का कोई कार्य पंचायत प्रखंड थाना जिला आदि में हो ही नहीं सकता। पटना का सचिवालय रिश्वत का अड्डा बन चुका है। मंत्रिमंडल के सदस्य इसमें पूरी तरह से लिप्त हैं। एक और जहां आमलोगों का जीवन तवा है वहीं दूसरी ओर विधायक सांसद और अधिकारियों की अकूत संपत्ति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।सूबे में अपराध हत्या और लूट चरम पर है। भूमि माफिया बालू माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उन्हें पुलिस पर भी गोली चलाने से परहेज नहीं है। इस हकीकत को आज जनता रोज जीती है लेकिन चुनाव के वक्त आप सबकुछ भूलकर अपने जाति और धर्म के नेता को चुनते है तो फिर वे अपने बच्चों के बारे में क्यों सोचेंगे। उन्माद और जाति से निकलिए। आज इससे निकलने की सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि सिद्धांत और जन सरोकार की राजनीति के प्रति कर्पूरी ठाकुर जी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब उनके सपनों का बिहार बनाया जा सकेगा।          आइए इस अवसर पर हम लोग मिलकर इसके लिए संकल्प लें की। आने वाले सभी चुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने वाले नेताओं को नहीं चुनना है। कार्यक्रम में अध्यक्ष विजेंद्र ठाकुर, उपाध्यक्ष रविंद्र ठाकुर, सचिव शिव शंकर ठाकुर, मिथिलेश ठाकुर, रामचंद्र ठाकुर, संजय ठाकुर, पवन ठाकुर, दिलीप भारती, देवेंद्र ठाकुर, गणेश ठाकुर, श्री राम जी ठाकुर, कमल किशोर यादव, रणधीर कुमार ठाकुर, आमोद ठाकुर, दीपक ठाकुर, वीरेंद्र ठाकुर, विजय ठाकुर, गंगा ठाकुर, रामप्रसाद ठाकुर, पारस ठाकुर, सुधीर ठाकुर, मोहन ठाकुर, रूपेश, रिंकू देवी, रंजू देवी, अमेरिका देवी, दयामणि देवी, रंजन देवी, कुमार विक्रम, कुमार दिलखुश, विपिन ठाकुर, हरदेव ठाकुर उपस्थित थे।

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