राज्य के 14 जिलों में चलाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान

पटना:- राज्य के 14 जिलों में आगामी 15 मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान 1 वर्ष से लेकर 19 साल के बच्चों एवं किशोरों को एल्बेंडाजोल दवा की खुराक दी जाएगी। चिन्हित बच्चों एवं किशोरों को सरकारी एवं निजी विद्यालयों, तकनीकी संस्थानों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। करीब 2 करोड़ 47 लाख 93 हजार बच्चों एवं किशोरों को दवा खिलाने का लक्ष्य:-डॉ. विजय प्रकाश राय, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, शिशु स्वास्थ्य ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लिए 14 जिलों के 1 साल से 19 साल तक के लगभग 2 करोड़ 47 लाख 93 हजार बच्चों एवं किशोरों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य के अररिया, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, नालंदा, नवादा, पटना, पुर्णिया, रोहतास एवं समस्तीपुर जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन होगा।      उन्होंने बताया कि आगामी 19 मार्च को छूटे हुए बच्चों एवं किशोरों को दवा खिलाने के लिए मॉप अप दिवस मनाया जायेगा। बच्चों के सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है कृमि:-डॉ. विजय प्रकाश राय ने बताया कि कृमि संक्रमण, बच्चों के बौद्धिक विकास को प्रभावित करता है जिससे उनकी सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कृमि से ग्रसित बच्चे एवं किशोर अक्सर कुपोषण का शिकार होते हैं और स्कूलों में उनकी नियमित उपस्थिति नहीं रहती है। उन्होंने अपील किया कि 15 मार्च को सभी बच्चे एवं किशोर कृमि मुक्ति की दवा का सेवन जरुर करें। डॉ. राय ने बताया कि जिन बच्चों एवं किशोरों के पेट में कृमि की संख्या ज्यादा होती है उनमे दवा सेवन के बाद जी मतलाना, कमजोरी का अनुभव करना, सर अथवा पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है और यह स्वतः कुछ देर में समाप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि कृमि मुक्ति दिवस एवं मॉप अप दिवस के दिन स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में रहेगा और अभियान की सघन निगरानी की जाएगी. जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम गठित रहेगी जो दवा सेवन के उपरांत किसी भी समस्या का त्वरित निवारण करेगी। स्वच्छता का व्यवहार बचाएगा कृमि संक्रमण से:-डॉ. विजय प्रकाश राय ने बताया कि दैनिक जीवनचर्या में स्वच्छता को अपने व्यवहार में शामिल कर कृमि संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। अभिभावक छोटी छोटी बातों को ध्यान में रखकर अपने बच्चों को कृमि के संक्रमण से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नंगे पैर घर से बाहर नहीं निकलना, खाने के पहले एवं शौच के उपरांत अच्छे से हाथों की सफाई करना, खाने में स्वच्छता का ध्यान एवं स्वच्छ पानी का सेवन, फल एवं सब्जियों को इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह से धोना आदि जैसी छोटी छोटी आदतों को अपने व्यवहार में शामिल कर हम कृमि संक्रमण के खतरे से बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं।

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