बाल ह्रदय योजना के अंतर्गत जिले के 56 बच्चों को मिली नयी जिंदगी

बिहारशरीफ:- मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना जन्म से ह्रदय में छेद वाले बच्चों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। स्क्रीनिंग के उपरांत 46 बच्चों को अहमदाबाद स्थित श्री सत्य साईं अस्पताल भेजा गया था जहाँ बच्चों की सफल सर्जरी की गयी. वहीँ पटना स्थित इंदिरा गाँधी ह्रदय रोग संस्थान में 10 बच्चों की सफल सर्जरी की गयी।          इंदिरा गाँधी ह्रदय रोग संस्थान में भी बच्चों का हो रहा ऑपरेशन:-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. सत्य रंजन प्रसाद सिंह ने बताया कि पटना स्थित इंदिरा गाँधी ह्रदय रोग संस्थान में भी जन्म से दिल में छेद से ग्रसित बच्चों की सर्जरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कैंप लगाकर स्क्रीनिंग के उपरांत 10 बच्चों की सफल सर्जरी की गयी है। डॉ. सिंह ने बताया कि बिहारशरीफ सदर प्रखंड से सर्वाधिक बच्चों की सफल सर्जरी करायी गयी है। स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन:-डॉ. सिंह ने बताया कि बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। सुशासन के कार्यक्रम के अंतर्गत सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नई योजना बाल हृदय योजना पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है. योजना 1 अप्रैल, 2021 से लागू है. इसके लिए 13 फरवरी, 2020 को बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जबकि बच्चों की शुरूआती स्क्रीनिंग से लेकर बच्चों के आने-जाने का खर्च बिहार सरकार वहन करती है। 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए विशेष प्रावधान:-राज्य सरकार द्वारा 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के साथ माँ के अतिरिक्त एक और परिजन के खर्च भी वहन करती है. राज्य के बाहर के चिन्हित चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल, निजी अस्पताल में चिकित्सा के लिए आने जाने के लिए परिवहन भाड़े के रूप में बाल हृदय रोगी के लिये 5,000 रूपये एवं अटेंडेंट के लिए अधिकतम धन राशि भी 5,000 हजार रूपये से बढ़ाकर 10,000 रूपये कर दी गई है, जिसका वहन राज्य सरकार करती है।          उनके साथ एक समन्वयक भी रहते हैं, जो इलाज के बाद बच्चों के साथ वापस आते हैं। 100 बच्चों में 9 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से होते हैं ग्रसित:-बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या, बीमारी है। एक अध्ययन के अनुसार जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में से 9 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित होते हैं, जिनमें से लगभग 25 प्रतिशत नवजात बच्चों को प्रथम वर्ष में शल्य क्रिया की आवश्यकता रहती है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com