विद्या, धन और शक्ति की प्रत्येक मनुष्य को होती हैं आवश्यकता:-रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज

सहरसा:-श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने विद्या, धन और शक्ति की व्याख्या विस्तार से किये। उन्होंने कहा कि विद्या विवादाय धनं मदाय शक्ति परेषां परिपीडनाय। खलस्य साधोर्विपरीतमेतज्ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय॥ दुष्ट व्यक्ति के लिए विद्या विवाद का कारण बनती है, धन घमंड का कारण और शक्ति दूसरों को पीड़ा देने का साधन है। लेकिन सज्जन व्यक्ति के लिए विद्या ज्ञान का साधन है। धन दान का साधन और शक्ति रक्षा का साधन होती है। विद्या, धन और शक्ति की प्रत्येक मनुष्य को आवश्यकता होती है।           लेकिन इन तीनों का उपयोग मनुष्य किस तरह करता है, यह उसके विवेक पर निर्भर करता है। मनुष्य का जीवन अनमोल है। जीवन की सार्थकता तभी है जब हम सत्संग और ईश्वर प्राप्ति को अपने आपको लगा दें। प्रताप चौक पर आयोजित कार्यक्रम में स्वामी आगमानंद ने कहा कि अभिमन्यू ने मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदेन की विधि सीख ली थी। लेकिन आज के बच्चे एक वर्ष में ही बिना किसी के सिखाए मोबाइल चलाने लगाते हैं, इसका कारण स्पष्ट है। आप जैसा करेंगे आपके संतान भी वैसा ही करेगा। भजन सम्राट डॉ. हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी ने कहा कि कर्म की प्रधानता है। लेकिन कर्म करें और भगवत भजन करें। उन्होंने “मन चंगा तो कठोती में गंगा” की व्याख्या की। इसके अलावा दीपक जी ने भगवान कृष्ण के बाल्यलीला पर आधारित एक भजन को सुनाया। सभी श्रद्धालु भावविभोर हो गए। गीतकार राजकुमार ने आओ दीप जलाएं गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ कराया तो आगमानंद की जय-जय बोल गाकर कार्यक्रम का समापन किया। इस दौरान उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा अपनी स्वरचित कविता पेश किया। पूरे कार्यक्रम का संयोजन विप्लव रंजन ने किया। विधायक आलोक रंजन व पूर्व विधायक किशोर सिंह मुन्ना सहित काफी संख्या में जनप्रतिनिधि, चिकित्सक, बुद्धिजीवी उपस्थित थे।           संचालन ज्योति कुमार सिंह ने किया। इसके पूर्व श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के आगमन पर उनके शिष्य, साधक और अनुयायियों ने उनका भव्य स्वागत किया। बैजनाथपुर से शोभायात्रा के रूप में उन्हें सहरसा तक लाया गया। गाजे-बाजे के साथ सैकड़ों लोग शोभायात्रा में शामिल थे। सभी भावविभोर थे। गुरुदेव भगवान का जयकारा करते हुए पुष्प की वर्षा कर रहे थे। शोभायात्रा के दौरान रास्ते में जगह-जगह शिष्यों के द्वारा गुरुजी का पूजा और मंगल आरती भी उतारी गई। आचार्य कौशल बाबा के टीम के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ चरण पादुका की पूजा हुई। स्वामी आगमानंद महाराज से 151 लोगों को आध्यात्मिक गुरुदीक्षा लिया। भजन सम्राट डॉ. हिमांशु मोहन मिश्र उर्फ दीपक जी, बलबीर सिंह बग्घा, माधवानंद ठाकुर, कपिश जी, पवन दूबे ने एक से बढ़कर एक दर्जनों भजन और गुरु वंदना का गायन किया।                 इस अवसर पर मंच पर पंडित ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, कुंदन बाबा, मनोरंजन कुमार सिंह, स्वामी मानवानंद, दिलीप शास्त्री, राजेश चंद्र सिंह, डॉ. सुमन, डॉ. प्रीति कुमारी, डॉ. किंटु रविन्द्र कुमार, डॉ. नेहा कुमारी, प्राचार्य पवन कुमार, बैंकर राहुल कुमार, प्रो. राज कुमार झा, राजीव रंजन आदि मौजूद थे।

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