यूविन पोर्टल एवं टेली-मॉनिटरिंग सेल नियमित टीकाकरण आच्छादन एवं गुणवत्ता को कर रहा सुनिश्चित

पटना:-नियमित टीकाकरण शिशुओं को लगभग 12 तरह के जीवन घातक रोगों से सुरक्षित करता है। विश्व भर में प्रति वर्ष 35 से 50 लाख शिशुओं में डिप्थीरिया, इन्फ्लुएंजा, मीजिल्स, टेटनस जैसे रोगों से टीकाकरण सुरक्षा प्रदान करता है। वैश्विक स्तर पर लोक स्वास्थ्य की बुनियाद को मजबूत करने में नियमित टीकाकरण की अहम भूमिका मानी जाती है। इस दिशा में राज्य नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत आच्छादन बढ़ाने के साथ इसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करने का निरंतर प्रयास भी किया जा रहा है। राज्य में 260 आदर्श टीकाकरण केन्द्र व कॉर्नर संचालित:- संजय कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार ने बताया कि नियमित टीकाकरण केंद्रों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य भर में 260 आदर्श टीकाकरण केंद्र एवं कार्नर स्थापित किए गए हैं।            सभी आदर्श केन्द्रों को निजी अस्पतालों की तर्ज पर विकसित किया गया है। इन केन्द्रों को आधुनिक सुविधाओं के साथ चाइल्ड फ्रेंडली भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण सत्रों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर स्थापित टेली-मॉनिटरिंग सेल अहम भूमिका निभा रहा है, बिहार की शिशु मृत्यु दर 2 अंक घटकर 27 हो गई है, जिसमें नियमित टीकाकरण का बेहतर आच्छादन भी एक बड़ा योगदान है।यूविन पोर्टल एवं टेली-मॉनिटरिंग सेल प्रभावी:-राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एन. के. सिन्हा ने बताया कि नियमित प्रतिरक्षण के आच्छादन एवं इसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रभावी पर्यवेक्षण बहुत जरुरी है। इसे ध्यान में रखते हुए यूविन पोर्टल काफ़ी कारगर साबित हो रहा है। पोर्टल के माध्यम से कवरेज एवं टीकाकरण सत्रों की रियल टाइम जानकारी मिल रही है। साथ ही इसकी सहायता से टीकाकरण के बाद शिशुओं में होने वाली किसी प्रकार की एडवर्स इफ़ेक्ट की मॉनिटरिंग एवं इसका शीघ्र समाधान करने में भी सहायता मिल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष से राज्य स्तर पर टेली-मॉनिटरिंग सेल प्रभावी तरीके से कार्य कर रहा है। डॉ. सिन्हा ने बताया कि ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर आयोजित टीकाकरण सत्रों के पर्यवेक्षण के लिए टेली-मॉनिटरिंग सेल रैंडम साईट पर कॉल करता है। कॉल के माध्यम से लाभुकों एवं सूक्ष्म कार्ययोजना की अद्यतन स्थिति का पता लगाया जाता है। साथ ही टेली-मॉनिटरिंग सेल वैक्सीन सप्लाई चेन को सुदृढ़ करने में भी सहायक है। उन्होंने बताया कि राज्य में डिजिटल माइक्रोप्लान एवं डिजिटल एमसीपी (मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन) कार्ड के कारण भी सेशन साईट आयोजन योजना में सहूलियत हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य में टीका संग्रहण की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए कुल 734 कोल्ड चेन नेटवर्क क्रियाशील है। विटामिन ए सहित एमसीपी कार्ड की शत-प्रतिशत उपलब्धता हुई सुनिश्चित:- प्रभावी टेली-मॉनिटरिंग सेल के कारण राज्य में विटामिन ए एवं एमसीपी कार्ड की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। टीकाकरण सत्रों पर पूर्व में विटामिन ए की उपलब्धता में 30 प्रतिशत की कमी थी, जिसे दूर कर अब शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गयी है। वहीं एमसीपी कार्ड की पूर्व में 10 प्रतिशत की अनुपलब्धता को भी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।

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