जमुई व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, पक्षकारों का उमड़ा हुजूम

जमुई:-राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार की खास हिदायत और राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के विशेष निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के भागीरथी प्रयास से व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित न्याय सदन के प्रशाल में विभिन्न अदालतों में लंबित सुल्हनीय मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।            यहां पक्षकार आपसी मेल-मिलाप से स्वयं या नामित अधिवक्ता के माध्यम से अपने-अपने सुल्हनीय वादों का निस्तारण कराया। राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर न्यायालय परिसर में वादियों का हुजूम नजर आया। एडीजे द्वतीय सत्यनारायण शिवहरे ने राष्ट्रीय लोक अदालत का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए कहा कि इसके जरिए न्याय अब निर्धन के द्वार तक पहुंच रहा है।           इसका फैसला चुनौती रहित है। विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों का निष्पादन परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण ढंग से किया जाता है। यहां सुगम, सुलभ और सस्ता न्याय उपलब्ध है। प्रकरणों के फैसले के दरम्यान पक्षकारों की हार-जीत नहीं होती है। वादीगण अपने केसों का निस्तारण अपनी सुविधानुसार करा पाते हैं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई सुल्हनीय प्रकरण न्यायालय में लंबित है तो वह इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण करा सकता है।          एडीजे ने विभाग और पक्षकारों को मेल-मिलाप से ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निस्तारण किए जाने का संदेश दिया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अतुल कुमार सिन्हा ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षों के मेल-मिलाप से विवादों सुलझाया जाता है। इस कोर्ट में शीघ्र व सुलभ न्याय, कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत जैसे लाभ मिलते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआईएक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद, बीमा, बिजली, उत्पाद, वन, श्रम, नीलाम पत्र वाद, दूरभाष, माप तौल, खनन आदि वादों का आपसी राजीनामा से निपटारा किया जाता है।          उन्होंने भी पक्षकारों से इस न्यायालय का लाभ उठाने की गुजारिश की सचिव राकेश रंजन ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। यहां लोगों को बिना समय व पैसा गवाए फैसला सुनाया जाता है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा वादों के निस्तारण के लिए विभागीय अधिकारियों से लचीला रुख अपनाए जाने की अपील की।    डीएसपी मुख्यालय अभिषेक सिंह, जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव अमित कुमार आदि ने भी राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। राज्य स्तरीय उद्घोषक डॉ. निरंजन कुमार ने कार्यक्रम का मंच संचालन किया और न्यायिक पदाधिकारियों, विद्वान अधिवक्ताओं, पक्षकारों एवं गणमान्य नागरिकों के प्रशंसा के पात्र बने।           एडीजे कमला प्रसाद, न्यायिक पदाधिकारी संजय कुमार सिंह, नेहा त्रिपाठी, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आर. डी. राम समेत कई न्यायिक पदाधिकारी, विद्वान वकील एवं संबंधित जन इस अवसर पर उपस्थित थे।

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