90 प्रतिशत तक सर्वाइकल कैंसर के मामलों में बचाव करेगा एचपीवी का वैक्सीन:-प्रभारी सीएस

आरा:-जिले की युवतियों व महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए राज्य सरकार व स्वास्थ्य समिति ने ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) टीकाकरण अभियान शुरू किया है। इसके तहत जिले की 9 से लेकर 14 वर्ष की किशोरियों को एचपीवी का टीका लगाया जा रहा है। इस क्रम में दूसरे चरण में 3850 बच्चियों को एचपीवी का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 3850 टीका भोजपुर जिले के लिए भेजा है। वहीं, आगामी दिनों में जिले को एचपीवी टीका पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि, आज की किशोरियों को भविष्य में सर्वाइकल कैंसर का सामना न करना पड़े। इस संबंध में प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि हाल के दिनों में ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के मामले तेजी से बढ़े है। एक रिपोर्ट के अनुसार 70 फीसदी ओरल कैंसर के मामले सिर्फ एचपीवी के कारण हो रहे हैं। वहीं, यौन संपर्क से फैलने वाले इस संक्रमण से पेनाइल कैंसर व गुदा कैंसर के साथ साथ सर्वाइकल कैंसर होने का भी खतरा सबसे अधिक रहता है। इस गंभीरता को देखते हुए बालिकाओं को इन बीमारियों से बचाने के लिए सरकार ने एचपीवी टीका लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में जिले की 9 से लेकर 14 वर्ष की 420 बालिकाओं को टीकाकृत करने के लिए सदर अस्पताल में विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया था। दूसरे चरण की तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही शिविर लगाकर 3850 बालिकाओं को टीकाकृत किया जाएगा।           एचपीवी संक्रमण के साथ संबंधित अन्य समस्याओं से भी मिलेगी सुरक्ष:-प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) टीकाकरण से लगभग 90 प्रतिशत तक सर्वाइकल कैंसर के मामलों से बचाव संभव है, साथ ही यह एचपीवी संक्रमण से संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी सुरक्षित रखने में सहायक होता है। इसलिए अभियान में बालिकाएं जिनका उम्र 09 से 14 आयु वर्ग के बीच है। उनको टीकाकृत किया जाएगा। इन सब में यह बात ध्यान रखना है कि जो बच्चियां 14 साल की उम्र की दहलीज पर हैं उनका काउंसलिंग बेहद जरूरी है। क्योंकि 15 साल की उम्र के बाद बच्चियों को इस एचपीवी का टीका लगाना व्यर्थ है। उन्होंने बताया कि यह टीका गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचाव को कम करने में बेहद प्रभावी है। इसलिए बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाव को लेकर टीकाकरण आवश्यक है। कैंसर से सुरक्षित रहने और संबंधित बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण एक समझदारी भरा कदम है। सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) एक गंभीर बीमारी है। मानसिक क्षति के साथ आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ जाती है:-यूनिसेफ के एसएमसी जीपी संजय ने बताया कि आज के समय में कैंसर एक सामान्य परिवार के लिए अभिशाप से कम नहीं हैं। मध्यम परिवार के किसी एक सदस्य को यदि एक बार यह बीमारी हो जाए, तो मरीज के साथ पूरा परिवार परेशान होता है। इससे पीड़ित मरीज व उनके परिजनों को मानसिक क्षति के साथ आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ जाती है। ऐसे में बच्चियों को एचपीवी का टीका लगाना बेहतर विकल्प है। जो भविष्य में इन बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाएगा। उन्होंने बताया कि एचपीवी का टीका (सेर्वेवैक) पूरी तरह से सुरक्षित और स्वदेशी है। इसे सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है और कई परीक्षणों के बाद इसकी सप्लाई शुरू की गई है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग इसके लिए ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करने में लगा हुआ है। ताकि, जन जन तक इस अभियान की जानकारी पहुंच सके।

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