कुपोषण को दूर करने के लिए गर्भवती महिलाओं को उचित आहार लेना जरूरी:-डीपीओ

सासाराम:- बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुपोषण से लड़ने के लिए वर्ष 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की थी और प्रत्येक वर्ष मार्च महीने में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है।             इस बार भी कुपोषण को दूर करने के लिए आईसीडीएस द्वारा 9 मार्च से 23 मार्च तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इधर रोहतास जिले में भी आईसीडीएस विभाग ने पोषण पखवाड़ा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है। बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए आईसीडीएस विभाग द्वारा पहले से ही गोद भराई, अन्नप्राशन जैसी गतिविधियों का आयोजन करके महिलाओं को कुपोषण के बारे में जानकारी देते हुए इस लड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। पोषण भी पढ़ाई भी थीम पर आयोजित होगा पखवाड़ा:-पोषण के साथ पढ़ाई को भी महत्व देने के लिए इस बार “पोषण भी पढ़ाई भी” थीम पर पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है क्योंकि सरकार का मानना है कि पोषण के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी अति आवश्यक है। आंगनबाड़ी केंद्रों से निकलने के बाद बच्चे प्रारंभिक शिक्षा के लिए स्कूल जाएं इस पर भी बल दिया जा रहा है, इसलिए इस बार पोषण पखवाड़ा के लिए “पढ़ाई भी पढ़ाई भी” थीम रखा गया है। मानसिक और शारीरिक विकास के लिए पोषण जरूरी:-बच्चों के मानसिक और संयुक्त विकास के लिए बच्चों के जन्म से ही उन्हें बेहतर पोषण देने का प्रयास किया जाता है। इसको लेकर आंगनबाड़ी केदो में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त आहार लेने के लिए जागरूक किया जाता है। इसके साथ ही बच्चों के जन्म के बाद बच्चों को 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाने के लिए धात्री महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों को जागृत किया जाता है। उसके 6 महीने बाद बच्चों को ऊपरी आहार देने के लिए अन्नप्राशन जैसे कार्यक्रमों का अध्ययन करके माता को बच्चों को दी जाने वाली ऊपरी आहार के बारे में जानकारी दी जाती है। कुपोषण को दूर करने के लिए बेहतर आहार जरूरी:-बच्चों को कुपोषित होने से बचाने के लिए उनके जन्म से पूर्व ही गर्भवती महिलाओं को लगातार जांच के साथ पोषक तत्व लेने की सलाह दी जाती है। इसकी जानकारी देते हुए रोहतास आईसीडीएस डीपीओ रश्मि रंजन ने बताया कि कुपोषण को दूर करने के लिए जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान ही गर्भवती महिलाएं उचित आहार का सेवन करें। उन्होंने बताया कि बच्चों के शारीरिक एवं मासिक विकास के लिए गर्भवती महिला के साथ-साथ 2 वर्ष तक के बच्चों के लिए उचित आहार अति आवश्यक है। क्योंकि बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक विकास 2 वर्ष तक सर्वाधिक होती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के जन्म से पूर्व गर्भवती महिलाएं उचित आहार का सेवन करें।            उन्होंने बताया कि कुपोषण को दूर करने के लिए हर माह मार्च में पोषण पखवाड़ा अभियान चलाया जाता है और इस बार भी 9 मार्च से यह अभियान शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। इस पखवाड़ा में गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उचित आहार लेने के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी।

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