एम्स पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया 4 सप्ताह का समय, विशेष याचिका पर हुई सुनवाई

सहरसा:-एम्स का निर्माण सहरसा के 217 एकड़ 74 डिसमिल चिह्नित भूमि पर हो इसके लिए पिछले नौ, दस वर्षों से लगातार कोशी विकास संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विनोद कुमार झा एवं प्रधान संरक्षक प्रवीण आनंद के नेतृत्व में संघर्ष जारी है। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका 810/2024 का 11 मार्च 2024 को सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता कोशी विकास संघर्ष मोर्चा एवं अन्य के तरफ से विद्वान अधिवक्ता को सुनने के दौरान न्यायालय ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि  याचिकाकर्ता का मांग जायज है। बिहार में दूसरे एम्स के निर्माण में इतनी देरी का कारण कहीं ना कहीं एडमिनिस्ट्रेटिव भूल जरूर है। यह याचिका 11.03.2024 को सुनवाई के लिए उपस्थापित है। याचिकाकर्ताओं के विद्वान अधिवक्ता को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निम्नलिखित आदेश दिए बिहार राज्य ने अपना जवाबी हलफनामा दाखिल किया है तब से भारत संघ की ओर से किसी ने भी उपस्थिति दर्ज नहीं की हैअतिरिक्त सॉलिसिटर ऐश्वर्या भारती से अनुरोध किया जाता है कि भारत के सोलिसिटर जनरल जो न्यायालय में उपस्थित हैं निर्देश प्राप्त करने के लिए मामले में एक कॉपी के साथ पेपरबुक की एक सॉफ्ट कॉपी भी दें। बिहार राज्य द्वारा दायर जवाबी हलफनामे का ऐश्वर्या भारती के सहायक वकील जी.एस.मक्कर कोस एक सप्ताह के भीतर प्रति शपथ पत्र, आवश्यक निर्देश दिये जायें उसके बाद चार सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड करें। प्रत्युत्तर, यदि कोई हो, उसके बाद दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए। मामले को 06.05.2024 को सुनवाई के लिए पोस्ट करें। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश पर लाखों कोशी वासियों सहित बिहार की जनता सहित सभी राजनीतिक दलों का नजर है। सहरसा में एम्स की संभावना से अब इंकार नहीं किया जा सकता है। सहरसा सहित बिहार के आम अवाम में यह चर्चा गरम है कि देश के सबसे बड़े न्यायालय सुप्रीम कोर्ट से फैसला जो आवे लेकिन विनोद और प्रवीण दोनों लाल की जोड़ी विप्र ने बहुतों राजनीति के धुरंधरों को पीछे छोड़कर कमाल कर दिया है। क्योंकि एम्स का सपना और इनलोगों का लगातार दस वर्षों से समर्पण कोशी के धरती पर ऐतिहासिक संघर्ष के रूप में लिखा जाएगा। एम्स से सहरसा सहित सम्पूर्ण कोशी क्षेत्रों का स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास होगा। आने वाले चुनाव में इनकी ख्याति के समक्ष बहुतों को नाकों चबाने पर सकते हैं।

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