क्या गंदगी और अतिक्रमण के साथ कुलाधिपति का स्वागत करेगा बीएनएमयू

मधेपुरा:-उन्नीस मार्च को होने वाली सामान्य वार्षिक सीनेट बैठक की तैयारी पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ ने कुलपति को पत्र लिख कई बिंदुओं पर पहल की अविलंब मांग करते हुए बीएनएमयू की लचर व्यवस्था पर रोष भी जताया है। कुलपति को लिखे पत्र में राठौर ने कहा कि एक ओर तीन दशक से अधिक के बीएनएमयू में पहली दफा सीनेट की बैठक में कुलाधिपति सह राज्यपाल का आना बीएनएमयू के लिए गौरव का विषय है वहीं दूसरी तरफ विधि व्यवस्था के नाम पर बीएनएमयू की लचर शैली कई सवालों को जन्म देती है।           पत्र में राठौर ने बताया है कि बीएनएमयू मुख्य द्वार के दोनों तरफ विशेष कर दक्षिणी ओर बड़े स्तर पर अतिक्रमण और गंदगी से बीएनएमयू की सौंदर्यता विलुप्त सी हो गई है।अतिक्रमण इतना ज्यादा है कि पता ही नहीं चलता कि कि यह बीएनएमयू की दीवाल है। जिसे होना था बीएनएमयू के बढ़ते कदम का माध्यम वो खुबसूरती को चिढ़ा रहा:-राठौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस दीवाल को बीएनएमयू के बढ़ते कदम के प्रचार प्रसार का माध्यम होना चाहिए था जिसपर बीएनएमयू से जुड़ी अथवा अन्य कलाकृतियां अंकित होनी थी वह आज लापरवाही और कुव्यवस्था की चादर ओढ़े बीएनएमयू की खुबसूरती को ही चिढ़ा रहा है।राठौर ने कहा कि क्या ऐसी ही कुव्यवस्थाओं के साथ बीएनएमयू राज्यपाल के स्वागत अभिनंदन का लम्बे लम्बे दंभ भर रहा। मुख्य अवसरों पर कपड़े से ढक इज्जत बचानी पड़ी बीएनएमयू को: राठौर ने पत्र में कुलपति को बीएनएमयू के पुरानी करतूतों से भी अवगत कराते हुए कहा है कि यहां की प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली ऐसी रही है कि आयोजन के नाम पर लम्बा चौड़ा बजट बनता जरूर है लेकिन व्यवस्था उस लाइक नहीं रहती शुरू में कुलाधिपति के दौरों पर मुख्य द्वार के दोनों तरफ रंगाई पुताई साफ सफाई व्यापक स्तर पर होती रहती थी।बाद में विगत दो दीक्षांतों में आखिरी समय में दीवाल किनारे अतिक्रमित क्षेत्र को कपड़े से ढक बीएनएमयू अपनी इज्जत बचाती रही है।इस बार भी साफ सफाई की पहल नहीं होना जताता है कि हालत फिर कहीं वैसी ही न हो।राठौर ने कहा कि कितना दुखद है कि पहली दफा जब राज्यपाल के आने की तैयारी हुई थी तो पूरा विश्वविद्यालय दुल्हन की तरह बहुत कम बजट में सजाया गया था लेकिन अब इसी बहाने सजावट की जगह उनके गुजरने वाले मुख्य मार्गों को टेंट से कभर कर काम चला लिया जाता है और बजट कमीशन में तब्दील हो जाती है।राठौर ने यह भी पूछा है कि जब बीएनएमयू में हर प्रकार की विधि व्यवस्था के लिए पदाधिकारी नियुक्त हैं फिर किन परिस्थितियों में बीएनएमयू का मुख्य द्वार के दोनों तरफ गंदगी और अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।           राठौर ने मांग किया कि कुलाधिपति के दौरे से पहले हर हाल में मुख्य द्वार के दोनों तरफ साफ सफाई कर आकर्षक रूप दिया जाए क्योंकि कुलाधिपति का आगमन बीएनएमयू के सौभाग्य से कम नहीं कि उसके वार्षिक सीनेट में पहली दफा कुलाधिपति पधार रहे।

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