तीस लाख के सिंहेश्वर महोत्सव में तीन सौ की भी भीड़ नहीं जुटा सका जिला प्रशासन

मधेपुरा:-शुक्रवार को सिंहेश्वर में शुरू हुए सिंहेश्वर महोत्सव पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने जिला प्रशासन को घेरा है। राठौर ने उद्घाटन सत्र में कार्ड में अंकित अतिथियों के न आने और बड़ी संख्या में खाली कुर्सियों को जिला प्रशासन की अकर्मण्यता बताया है।राठौर ने कहा कि लगातार ऐसी नौबत क्यों उत्पन्न हो रही है इससे पता चलता है कि जिला प्रशासन आयोजन को यादगार बनाने को लेकर बहुत गंभीर नहीं है। सरकार के बड़े चेहरों के नहीं आने से मंदिर और महोत्सव बड़े सौगात से हो रहा वंचित:-एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष राठौर ने जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिर कहां कमी रह जाती है कि सिंहेश्वर महोत्सव के मंच तक जिला प्रशासन प्रस्तावित अतिथियों को लाने में लगातार असफल रहा है।कार्ड में अक्सर पर्यटन मंत्री, कला संस्कृति मंत्री, सांसदों, विधायकों, विधान पार्षद के नाम तो होते हैं उद्घाटन कमोबेश स्थानीय स्तर पर खुद ही करने की नौबत आन पड़ती है।राठौर ने कहा कि इससे लगातार सिंहेश्वर मेला,मंदिर और महोत्सव को बड़ा नुकसान हो रहा है क्योंकि जब ऐसे आयोजनों से सरकार के बड़े चेहरे जुड़ेंगे तब बड़ी सौगात की संभावना रहती है जो इनके विकास का द्वार खोलता है जिसमे जिला प्रशासन लगातार असफल रहा है इसका मूल कारण समय रहते तैयारी की जगह आखिरी दौर में पहल करना साथ ही स्थानीय लोगों को आयोजन से कनेक्ट नहीं करना है जिससे बड़े मंत्री का प्रोग्राम स्थाई नहीं हो पाता। वहीं उद्घाटन सत्र में सांसद,विधायक, डीएम के संबोधन के समय खाली कुर्सियां जिला प्रशासन द्वारा महोत्सव के तैयारी की मानों पोल पट्टी खोल गई कि आखिर तीस लाख के महोत्सव में तीन सौ की भी भीड़ क्यों नहीं जुटा पाई जिला प्रशासन।                         आयोजन के समय स्थानीय कलाकारों और प्रशासनिक लोगों को छोड़ दें तो आम लोगों की भीड़ नाम मात्र भी नहीं रही इसका मूल कारण जिला मुख्यालय और सिंहेश्वर में भी स्थानीय गणमान्य लोगों को आमंत्रित नहीं किया जाना और प्रचार प्रसार की घोर कमी रही।राठौर ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने इसे सिंहेश्वर के लोगों का अपना महोत्सव बनाने के बजाय हमेशा जिला प्रशासन के पॉकेट का महोत्सव बना कर रखा है। वहीं राठौर ने स्थानीय कलाकारों के लिए महोत्सव का एक अहम हिस्सा खर्च करने की मांग की है।राठौर ने कहा कि ऐसे आयोजनों मूलतः स्थानीय कला संस्कृति एवम कलाकारों के विकास के लिए ही होता है लेकिन मधेपुरा जिला प्रशासन की रीत ही उल्टी रही है।बाहरी कलाकारों को मंच पर ही चेक काटा जाता है जबकि स्थानीय कलाकारों को टीए, डीए के लिए दौर लगाते हालत खराब हो जाती है।पिछले गोपाष्टमी महोत्सव का अभी तक टीए, डीए नहीं मिलना ज्वलंत प्रमाण है।राठौर ने यह भी साफ किया कि गोपाष्टमी महोत्सव सहित सिंहेश्वर महोत्सव में भाग ले रहे स्थानीय कलाकारों को टीए, डीए सम्मान पूर्वक देने की जिला प्रशासन गारंटी करें।राठौर ने यह भी कहा कि आगामी आयोजनों में सिंहेश्वर महोत्सव से जुड़े तैयारियों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित हर हाल में तय करेगा जिला प्रशासन की मनमानी और बर्दास्त नहीं की जा सकती।यह महोत्सव सिंहेश्वर के लोगों के संघर्ष, प्रयास का फल है और इसका लाभ सिंहेश्वर को मिले यह अधिकार भी है।

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