मलेरिया के पारासाइट की पहचान को अब और दक्ष होंगे लैब टेक्नीशियन

पटना:- राज्य के दस जिले जो मलेरिया बीमारी से अतिप्रभावित हैं। उन जिलों में मलेरिया के पारासाइट की पहचान के लिए लैब टेक्नीशियनों को दक्ष किया जा रहा है। इन लैब टेक्नीशियन को माइक्रोस्कोप के माध्यम से मलेरिया के पारासाइट की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उक्त प्रशिक्षण दस जिलों के पांच-पांच लैब टेक्नीशियन को दो चरणों में दिया जा रहा है। पहले चरण में 11 से 13 मार्च तक और दूसरे चरण में 18 से 20 मार्च तक रीजनल हेल्थ आफिस कर्पूरी ठाकुर सदन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आरडीटी किट से पारासाइट की प्रमाणिकता 80 से 85 प्रतिशत तक ही होती है। मलेरिया के पारासाइट की जांच पहले भी माइक्रोस्कोप से की जाती थी। लेकिन कोरोना काल में दो वर्षों तक जांच कार्य प्रभावित रहा। बाद के वर्षों में भी डेंगू बीमारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर भी यह कार्य प्रभावित रहा। हालांकि इन वर्षों में आरडीटी (रैपिड डैग्नोस्टिक) किट से पारासाइट की जांच होती थी। लेकिन इससे पारासाइट की प्रमाणिकता की शुदृता 80 से 85 तक ही मानी जाती थी। इसलिए इसे शत—प्रतिशत और अधिक शुदृता के साथ करने के लिए लैब टेक्नीशियन को माइक्रोस्कोप से पारासाइट की पहचान के लिए प्रशिक्षित दिया जा रहा है। दस जिलों के लैब टेक्नीशियन को किया गया प्रशिक्षित:-राज्य के दस जिलों के लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई, मुंगेर, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया शामिल है। दरअसल वर्तमान में राज्य के ये दस जिले अभी भी मलेरिया बीमारी से प्रभावित हैं। इन जिलों के लैब टेक्नीशियनों को रीजनल हेल्थ आफिस सह कर्पूरी ठाकुर सदन में माइक्रोस्कोप के एक्पर्ट टेक्नीशियन के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। उक्त प्रशिक्षण के बाद इन सभी लैब टेक्नीशियनों को मलेरिया बीमारी के पारासाइट की पहचान करने में काफी आसानी होगी। साथ ही पारासाइट की पहचान करने में शत-प्रतिशत सफलता मिलेगी। मलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित:-डॉ अशोक मलेरिया विभाग के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि राज्य के दस जिले अभी भी मलेरिया बीमारी की चपेट में हैं। इन जिलों में बीमारी के प्रकोप को कम करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इस मुहिम के तहत राज्य के दस जिलों के लैब टेक्नीशियन को माइक्रोस्कोप से मलेरिया के पारासाइट की पहचान के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि मलेरिया के पारासाइट की पहचान करने में इन्हें किसी प्रकार की चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़े। प्रशिक्षण में रीजनल हेल्थ आफिस के सीनियर रीजनल निदेशक डॉ कैलाश कुमार और रीजनल हेल्थ आफिस के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रविशंकर सिंह मौजूद थे।