जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय जिला स्टयरिंग कमिटी की हुई बैठक

सहरसा:-आगामी STOP Diarrhoea Campaign, 2025 (दस्त की रोकथाम अभियान) 15 जुलाई से 14 सितम्बर 2025 (दो माह) तक चलाया जाना है। इसके सफल संचालन हेतु गुरुवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय जिला स्टयरिंग कमिटी की बैठक एनआईसी, सहरसा में आयोजित की गई।           जिसमें सिविल सर्जन, सहरसा, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सहरसा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सहरसा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहरसा, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस), सहरसा, जिला कल्याण पदाधिकारी (SC & ST Welfare), सहरसा, कार्यपालक अभियंता (PHED), सहरसा, सचिव, आईएपी सहरसा, जिला कार्यकम प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति, सहरसा, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, जिला स्वास्थ्य समिति, सहरसा जिला अनुश्रवण एवं मुल्याकंन पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति, सहरसा, जिला कार्यकम प्रबंधक (Jeevika), सहरसा, जिला प्रतिनिधि यूनिसेफ, डब्ल्युएचओ, यूएनडीपी, पिरामल स्वास्थ्य, सहरसा उपस्थित हुए। जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति, सहरसा एवं एसएमसी यूनिसेफ, सहरसा के द्वारा पीपीटी के माध्यम से कार्यकम से संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक बताया गया। भारत सरकार के निदेशानुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले दस्त की रोकथाम अभियान का उद्देश्य राज्य से डायरिया के प्रसार को कम करना एवं इससे होने वाले शिशु मृत्यु का शून्य स्तर प्राप्त करना है। STOP Diarrhoea Campaign, 2025 (दस्त की रोकथाम अभियान) का आयोजन विभिन्न विभागों यथा स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग ग्रामीण विकास विभाग, नगर एवं आवास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग के सहयोग से समन्वय एवं सहभागिता से किया जाना है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये आवश्यक है कि कार्यक्रम के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों का सूक्ष्म कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण किया जाए। डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओ०आर०एस एवं जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। अभियान के दौरान अंतर्विभागीय समन्वय द्वारा दस्त की रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक का प्रयोग की समझ, दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित ईलाज के विभिन्न पहलुओं का कियान्वयन किया जाना है। इसके सफल संचालन हेतु सभी आशा के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में जन्म से पाँच वर्ष के सभी बच्चों का सूची बनाकर एक प्रति संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र की एएनएम को जमा करना है एवं एक प्रति साथ में रखना है।          सूची के अनुसार जिस घर में 0-5 वर्ष के बच्चे है वहाँ प्रति बच्चे एक पैकेट ओआरएस एवं जिंक का एक स्ट्रीप दिया जाना है। कार्यकम से संबंधित सभी आशा, एएनएम, मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, आरबीएसके टीम, स्टाप नर्स, ऑगनवाड़ी सेविकाओं का उन्मुखीकरण किया जाना है। कार्यकम का पर्यवेक्षण स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ उपरोक्त सभी विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारियों, प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारी एवं पर्यवेक्षक के द्वारा किया जाना है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com