राज्य की 826 महिलाओं ने सब डर्मल इम्प्लांट लगाकर दिया समुदाय में सकारात्मक संदेश

पटना:- राज्य में केवल 7 महीने में 826 महिलाओं ने सब डर्मल इम्प्लांट लगवाकर आम लोगों के बीच सकारात्मक संदेश दिया है. राज्य में पिछले वर्ष सितंबर माह से परिवार नियोजन के लिए लंबी अवधि के अस्थायी साधन के रूप में यह नया विकल्प लाभार्थियों के लिए उपलब्ध कराया गया है. अभी राज्य के दो जिले पटना एवं भागलपुर के 4 अस्पतालों में फिलहाल यह सुविधा उपलब्ध है. सब डर्मल इम्प्लांट परिवार नियोजन कार्यक्रम में उपलब्ध अस्थाई साधनों की सूची में शामिल है. यह लंबे समय के लिए इस्तेमाल होने वाले गर्भनिरोधक और बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के साथ अनचाहे गर्भधारण के खतरे को कम करता है. इम्प्लांट की शुरुआत अस्थायी गर्भनिरोधक के उपलब्ध विकल्पों की सूची में सिर्फ़ इजाफा ही नहीं, बल्कि बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की मजबूत आधारशिला तैयार करने में कारगर साबित होती है. इसलिए इसके इस्तेमाल को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. फैमिली प्लानिंग काउंसलर के माध्यम से काउंसलिंग के बाद एक्सपर्ट द्वारा इसे इम्प्लांट किया जाता है.सब डर्मल इम्प्लांट लगाने की सुविधा फिलहाल देश के चुनिन्दा दस राज्यों यथा बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, राजस्थान, गुजरात एवं दिल्ली में उपलब्ध है. बिहार में जिन दो जिले पटना एवं भागलपुर में इम्प्लांट लगाने की सुविधा मौजूद है, उनमें पटना में पीएमसीएच और गुरु गोविन्द सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा भागलपुर में सदर अस्पताल, भागलपुर एवं जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शामिल है. 826 महिलाओं सब डरमल इम्प्लांट पर जताया भरोसा:-
राज्य में पिछले सात महीने में अभी तक 826 महिलाओं ने परिवार नियोजन के लिए सब डर्मल इम्प्लांट पर भरोसा किया है. पटना स्थित पीएमसीएच में 285 तथा गुरु गोविन्द सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 280 लाभुकों को इम्प्लांट लगाया गया है।          इसी तरह भागलपुर सदर अस्पताल में 149 एवं जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 112 लाभुकों ने अपने परिवार को सीमित करने के लिए सब डर्मल इम्प्लांट पर भरोसा जताया है. काउंसलिंग से स्वीकार्यता में आयी है तेजी:-पीएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की चिकित्सक तथा सब डर्मल इम्प्लांट की मास्टर ट्रेनर डॉ. रानू सिंह ने बताया कि अगर कोई महिला बीच में ही गर्भधारण करना चाहती है तो वह इसे निकालने के कुछ दिनों में ही गर्भधारण के लिए तैयार हो जाती है. यही विशेष सुविधा इसे अन्य उपलब्ध अस्थायी साधनों की तुलना में ख़ास बनाता है. यदि कोई महिला गर्भधारण में प्राथमिकता के आधार पर तीन साल की देरी चाहती है, तो इसमें सब डर्मल इम्प्लांट प्रभावी है. इससे करीब तीन वर्षों तक महिला अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रह सकती है. उन्होंने बताया कि काउंसलिंग के दौरान सब डर्मल इमप्लांट के प्रति कई महिलाएं उत्साहित दिख रही हैं. कॉपर-टी के बाद सब डर्मल इम्प्लांट दूसरा अस्थायी गर्भनिरोधक साधन है जो लंबे समय के लिए है।

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