निजी अस्पतालों को भी मलेरिया समेत 33 रोगों की देनी होगी दैनिक रिपोर्ट

पटना:-राज्य के सभी सरकारी व गैर सरकारी रजिस्टर्ड अस्पतालों से अब प्रतिदिन मलेरिया समेत 33 बीमारियों की रीयल टाइम रिपोर्ट उपलब्ध होगी। यह रिपोर्ट आईएचआईपी (इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉरमेशन प्लेटफॉर्म) पोर्टल पर प्रतिदिन देनी होगी। रिपोर्ट को संबंधित जिला और राज्य से लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक के अधिकारी तुरत देखकर बीमारियों की रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई कर सकेंगे। इससे बीमारियों की पहचान करना और उसकी रोकथाम का उपाय करना और आसान हो जाएगा। इस पोर्टल पर मलेरिया को पहली बार जोड़ा गया है। उल्लेखनीय है कि अभी तक मलेरिया बीमारी के अलावा 33 अन्य संक्रामक बीमारियों की रिपोर्ट महीने में एक बार केवल सरकारी अस्पतालों से ली जाती थी। लेकिन अब राज्य के सभी रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों से भी प्रतिदिन रीयल टाइम रिपोर्ट उपलब्ध होगी। इस संबंध में आरएचओ कार्यालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी-मलेरिया डॉ अशोक कुमार व रीजनल हेल्थ आफिस (आरएचओ) के सीनियर रीजनल निदेशक डॉ कैलाश कुमार के बीच विस्तार से चर्चा हुई है। डॉ अशोक कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों से ससमय और सही आंकड़े के साथ ठीक रिपोर्ट आनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने जिले के सभी जिला सर्विलांस पदाधिकारी (डीएसओ) को समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता बतायी। स्वास्थ्य विभाग ने आईएचआईपी यानी इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म पोर्टल पर जनवरी 2022 में काम करना शुरू किया था जो अब सुचारू रूप से चलने लगा है। एक जुलाई 2022 से राज्य के सरकारी अस्पतालों से 33 संक्रामक बीमारी के साथ कोरोना, सर्पदंश और कुत्ता काटने संबंधी घटनाओं की जानकारी दैनिक रूप से स्वास्थ्य विभाग को मिलने लगी थी। पर ये सिर्फ सरकारी अस्पतालों के आंकडें होते थे। जुलाई 2022 से पहले यह काम आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) पोर्टल पर हो रहा था।           इस पोर्टल पर सिर्फ 18 बीमारियों की साप्ताहिक जानकारी मिलती थी। डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि बीमारियों की ससमय रोकथाम के लिए इंट्रीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफार्म पोर्टल की शुरुआत की गई है। अब इसका दायरा बढाया गया है और रजिस्टर्ड गैर सरकारी अस्पतालों को भी इसमें जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उप स्वास्थ्य केन्द्रों के एएनएम, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन को टैब उपलब्ध कराया गया है। टैब के सफल संचालन के लिए सभी को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। अब एएनएम अपने-अपने उप स्वास्थ्य केन्द्र ग्रामीण एवं शहरी इलाके से बीमारियों का आंकड़ा सीधे आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड करेंगी। इसके बाद जिला, राज्य से लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बीमारियों की रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू कर देगी। इस पोर्टल पर 33 संक्रामक बीमारियों के अलावा कोरोना, सर्प दंश और कुत्ता काटने को लेकर सबसे पहले प्राथिमिकी तौर पर एएनएम, फर्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन इस पोर्टल पर मरीजों का बिंदुवार ब्यौरा देंगे। इसके बाद बीमारी की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की आईडीएसपी सेल इसकी पूरी निगरानी करेगा।

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