हर माह 376 मरीजों को खोज के साथ करना है उनका नोटिफिकेशन, होगी समीक्षा:-सिविल सर्जन

बक्सर:- राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन को लेकर बक्सर जिले से 2025 तक टीबी को मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। इस क्रम में गत दिनों जिले को मिले लक्ष्य के अनुसार प्रखंडवार टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया गया है। जिसके आधार पर जिले में टीबी मरीजों को खोज के साथ साथ उनका इलाज भी किया जाना है। इसको लेकर जिला यक्ष्मा केंद्र सख्ती के साथ निगरानी में जुटा हुआ है। ताकि, हर हाल में लक्ष्य को पूरा किया जा सके। सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि जिले के 2077728 की जनसंख्या के आधार पर सभी 11 प्रखंडों को मिलाकर 4512 टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, प्रतिमाह टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन के लिए 376 मरीजों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ताकि, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों को समीक्षा की जा सके। हालांकि, प्रखंडों के जनसंख्या के आधार पर ही उनको लक्ष्य दिया गया है। ताकि, स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि फिलवक्त जिले में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा टीबी के इलाजरत मरीजों और टीबी से ठीक हो चुके लोगों की निगरानी की जा रही है। साथ ही, उनके परिजनों में टीबी के लक्षणों की पहचान की जा रही है। ताकि, टीबी के संक्रमण प्रसार पर नजर रखी जा सके। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बढ़ाया जाएगा जांच का दायरा:-जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि विभाग से मिले निर्देशों के आधार पर जिले मे जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। जिससे टीबी के लक्षण वाले लोगों की ज्यादा से ज्यादा जांच की जायेगी। जब जांच का दायरा बढ़ेगा तो स्वाभाविक है कि टीबी के मरीजों को पुष्टि भी होगी। जिसके बाद उनका समुचित इलाज शुरू किया जाएगा।           उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की पहचान से लेकर निःशुल्क दवा वितरण एवं निक्षय योजना के तहत मरीजों को मिलने वाले लाभ को सुनिश्चित किया जा रहा है। टीबी के मरीजों को विभाग की ओर से निःशुल्क दवा तो मिलती है। साथ ही, पौष्टिक आहार खाने के लिए पैसा भी मिलता हैं। यह योजनाएं टीबी संक्रमित मरीज़ों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसीलिए लोगों को टीबी जैसे संक्रमण से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। सरकार की ओर से मरीज़ों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ उठाकर टीबी जैसी बीमारी से पूरी तरह से ठीक हुआ जा सकता है। नए मरीजों के परिजनों का भी होता इलाज:-जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर कुमार गौरव ने बताया कि जिला अस्पताल से प्रखंड स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों की जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। दवा भी मुफ्त दी जाती है। स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम की जांच माइक्रोस्कोप, ट्रू-नेट व सीबीनेट मशीन द्वारा निःशुल्क जांच की जाती है। मरीजों की जांच के उपरांत टीबी की पुष्टि होने पर पूरा इलाज उनके घर पर ही डॉट प्रोवाइडर के माध्यम से निःशुल्क किया जाता है। नया मरीज चिह्नित होने पर उनके पारिवारिक सदस्यों को भी टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट दी जाती है। ताकि परिवार के अन्य सदस्यों में यह बीमारी नहीं फैले। उन्होंने कहा कि टीबी संक्रामक बीमारी है। इसे जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है। इसके लिए लक्षणों की पहचान सबसे जरूरी है। सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण अगर किसी में है तो टीबी की जांच जरूर कराएं।

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