चमकी का लक्षण दिखने पर न करे नजरअंदाज, स्वास्थ्य विभाग एलर्ट

सासाराम:- बढ़ती गर्मी के साथ सूबे के कई जिलों में चमकी बुखार को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट मोड में रखा गया है। इधर चमकी बुखार को लेकर रोहतास जिले में भी एहतियात बरती जा रही है और अलर्ट मोड पर रखा गया है। हालांकि चमकी बुखार का रोहतास जिले में अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके जिले के सभी प्रखंडों के एमओआईसी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान कर दिए गए हैं और इससे निपटने के लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं। चमकी बुखार का असर सूबे के मुजफ्फरपुर एवं गया जिले के साथ समीपवर्ती जिलों में इसका असर देखा जाता है। परंतु इससे निपटने के लिए सभी जिलों को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसी के आलोक में रोहतास जिले में भी सावधानियां बरती जा रही है। इसकी जानकारी देते हुए वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि रोहतास जिले में चमकी बुखार का कोई प्रभाव नहीं है। बावजूद इसके राज स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी दिशा निर्देश के आलोक में सभी सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए जिला स्तर पर सभी डॉक्टर को प्रशिक्षण प्रदान कर दिए गए हैं। चमकी बुखार के लक्षण:-चमकी बुखार छोटे बच्चों से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है। यदि चमकी बुखार के लक्षण की बात करें तो इसमें बच्चों को लगातार तेज बुखार बना रहता है। बदन में ऐंठन के साथ-साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता है।           कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश हो जाता है। शरीर में कंपन के साथ-साथ बार-बार झटके लगते हैं। चमकी के लक्षण के बाद प्राथमिक उपचार:-

* तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछे एवं पंखे वाली ठंडी जगह पर रखें ताकि बुखार कम हो सके।
* पैरासिटामोल की 500एमजी की गोली अथवा 125 मिलीग्राम सिरप उम्र के हिसाब से दें
* बच्चा बेहोश न हो तो तब साफ पानी में ओ आर एस का घोल बना कर पिलाएं
* बेहोशी या मिर्गी अस्वथा में हवादार जगह पर रखें
* मुंह से झाग या लार बार बार आने पर साफ कपड़े से मुंह साफ करते रहें
* चमकी या बेहोशी की स्थिति में बच्चे को तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में पहुंचाएं

15 वर्ष तक के बच्चे प्रभावित:- सिविल सर्जन डॉक्टर के एन तिवारी ने बताया कि एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रॉम (एईएस) बिहार के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के कुछ जिलों में छोटे बच्चों से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों में देखा जाता है। इस बीमारी का लक्षण शरीर में झटके आना है, जिससे स्थानीय बोली में चमकी बुखार भी कहा जाता है। सिविल सर्जन ने बताया कि रोहतास जिला में चमकी बुखार का कोई प्रभाव नहीं है और अभी तक ऐसे मामले सामने नहीं आए हैं। यह जिले के लिए अच्छी खबर है फिर भी जिला स्वास्थ्य समिति एहतियात बरत रहा है और इसे निपटने के लिए भी तैयारी की गई है।

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