राज्य स्तर पर उपविजेता बनने के बाद सदर यूपीएचसी के एनक्वास प्रमाणीकरण दिलाने की हो रही तैयारी

बक्सर:- जिला मुख्यालय स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) के राज्य स्तर पर संचालित कायाकल्प योजना में उपविजेता बनने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को और भी सुदृढ़ किया जा रहा है। ताकि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बक्सर को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना की दौड़ में शामिल किया जा सके।           इस क्रम में बीते दिन राज्य स्वास्थ्य समिति की टीम ने मेंटॉरिंग असेसमेंट के लिए यूपीएचसी का निरीक्षण करते हुए वहां मरीजों के लिए उपलब्ध गुणवत्ता आश्वासन मानक की जांच की गई। राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रतिनिधि डॉ. विकास कुमार ने अस्पताल में आए मरीजों से वार्ता भी की। उन्होंने ओपीडी सेवा, मातृ स्वास्थ्य, नवजात शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन सेवा, टीकाकरण, ड्रेसिंग रूम, संचारी रोग, गैर संचारी रोग,लैब सुविधा में गुणवत्तापूर्ण सेवा के लिए सभी विभागों की समीक्षा की। साथ ही, यूपीएचसी, बक्सर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के चेक लिस्ट के अनुसार अस्पताल में आ रहे मरीज को किस प्रकार से और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के विषय पर चर्चा की गई l
सेवाओं और सुविधाओं के आधार पर 100 अंकों का होगा प्रोफार्मा:-मेंटॉरिंग टीम के सदस्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुविधा की जांच के लिए राष्ट्रीय टीम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। जिसके बाद उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर ही सदर यूपीएचसी को एनक्वास प्रमाणीकरण मिलेगा। इसलिए राज्य स्वास्थ्य समिति सभी जिलों में मेंटॉरिंग असेसमेंट करा रही है। जिससे कायाकल्प प्रमाणीकरण के बाद अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का अंकेक्षण करते हुए चिह्नित कमियों को दूर किया जा सके। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर आने वाली टीम विभिन्न व्यवस्थाओं और सुविधाओं के आधार पर निर्धारित 100 अंकों का प्रोफार्मा लेकर आएगी। जिसमें स्वच्छता, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, संक्रमण मुक्त प्रबंधन, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का मित्रवत व्यवहार, दवा वितरण, रखरखाव, दवा उपलब्धता, साफ-सफाई आदि अन्य सभी सेवाओं और सुविधाओं की जांच की जाएगी। 70 अंक से अधिक आने पर ही सदर यूपीएचसी गुणवत्ता की कसौटी पर खरा माना जाएगा। तीन साल तक मिलेंगे तीन लाख रुपये:-इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि कायाकल्प प्रमाणीकरण योजना में उपविजेता बनने के बाद यूपीएचसी को 1.5 रुपए पुरस्कार के रूप में प्राप्त हुए। जिसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर संचालित एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए तैयार किया जा रहा है। यदि बक्सर यूपीएचसी को एनक्वास का प्रमाण पत्र मिलता है तो पीएचसी को तीन साल तक तीन लाख रुपये मिलेंगे। जिसे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और व्यवस्था बनाने में खर्च किया जा सकेगा।           उन्होंने कहा कि एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए यूपीएचसी में जिला स्तर और राज्य स्तर की टीम ने दौरा किया। जिनके द्वारा सुझाई गई कमियों को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। ताकि, हर हाल में यूपीएचसी को एनक्वास प्रमाण पत्र दिलाया जा सके। मौके पर डीसीएम सह डीयूएचसी हिमांशु कुमार सिंह और बीएचएम प्रिंस कुमार सिंह के अलावा यूपीएचसी के सभी डिपार्टमेंट के नोडल उपस्थित रहे।

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